Delhi-NCR Dense Fog: नया साल शुरू होने के साथ ही मौसम ने अचानक करवट ली है और रात के समय चारों तरफ धुंध नजर आने लगा है. कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य हो जा रही है, लेकिन आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में आए कोहरे की तीव्रता और अवधि लोगों ने पहले कभी नहीं देखी थी.
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Delhi-NCR Unprecedented Fog Reason: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है और नया साल शुरू होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर के अलावा कई राज्यों में घना कोहरा नजर आने लगा है. कई राज्यों में मौसम ने अचानक करवट ली है और रात के समय चारों तरफ धुंध की वजह से विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई है. दिल्ली के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य भागों जैसे गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में शुक्रवार रात को भयावह कोहरा चरम पर था और शनिवार सुबह तक जारी रहा.
लोगों ने कभी नहीं देखा इतना भयानक कोहरा?
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Fog) में कई लोगों ने कोहरे की तीव्रता और अवधि पहले कभी नहीं देखी थी, जिनमें से कुछ ने सोशल मीडिया पर कोहरे की फोटोज और वीडियो शेयर किया, जिसमें धुंध के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा था. इन फोटोज और वीडियोज में विजिबिलिटी (Delhi Visibility) इतनी कम थी कि पास की चीजों को भी देखना मुश्किल हो रहा था. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस मौसम का सबसे लंबा कोहरा था. इस वजह से दर्जनों उड़ानें और ट्रेनें प्रभावित हुईं. हालांकि, कोहरा और धुंध की स्थिति आम बात है, लेकिन इस सप्ताह अचानक दिल्ली-एनसीआर में इतनी भयावह कोहरे की स्थिति क्यों बनी?
कोहरा किस कारण से उत्पन्न होता है?
बता दें कि कोहरा तब बनता है जब जमीन के पास की हवा इतनी ठंडी हो जाती है कि हवा में मौजूद नमी छोटी-छोटी पानी की बूंदों में संघनित हो जाती है, जिससे हवा धुंधली या बादल के जैसी दिखाई देती है. ऐसा आमतौर पर रात के समय होता है, जब तापमान गिरता है और जमीन तेजी से ठंडी होती है, जिससे नमी के कारण कोहरा बनता है. कोहरे के निर्माण को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें तापमान, हवा की गति, हवा में नमी की मात्रा और स्थलाकृति शामिल हैं.
कोहरे के लिए Indo Gangetic Plain सर्वाधिक संवेदनशील
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, Indo Gangetic Plain (IGP), जिस जगह पर दिल्ली स्थित है, वहां के मैदानी इलाके घने कोहरे के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं. ऑनलाइन सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र की समतल, निचली स्थलाकृति खराब वायु परिसंचरण में योगदान करती है, जिसका अर्थ है कि कोहरा लंबे समय तक फंसा रह सकता है. Indo Gangetic Plain पांच राज्यों से बना है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल हैं. IGP के उत्तर-पश्चिमी भाग को ट्रांस-गंगा मैदान (TGP) कहा जाता है, जिसमें दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं.
अचानक क्यों दिल्ली-NCR में बन गई इतनी भयावह कोहरे की स्थिति?
रिपोर्ट के अनुसार, तापमान में गिरावट, हवा की कम गति और उच्च आर्द्रता जैसे मौसम संबंधी कारकों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कोहरे का एक अन्य कारण पश्चिमी विक्षोभ था और पूर्वी हवाओं के साथ इसके संपर्क के कारण हाल ही में दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़े. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में मौसम वैज्ञानिकों ने दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की स्थिति के लिए हवा न चलने, सतह परत के पास नमी की अधिकता और अत्यधिक स्थिर सतह सीमा परत को कारण बताया है.
VIDEO | There is a dense fog in Delhi this morning causing inconvenience to commuters. Visuals are from Pandit Pant Marg. (Time: 7:50 AM)#Delhi #Fog pic.twitter.com/NrAHkh15c3
— Press Trust of India (@PTI_News) January 4, 2025
तापमान में गिरावट: सर्दियों के दौरान, खासकर सुबह के समय, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सतह का तापमान काफी गिर जाता है. जमीनी हवा के ठंडे होने से नमी संघनित हो जाती है, जिससे कोहरा बनता है.
हवा की कम गति: हवाएं आमतौर पर कोहरे को दूर करने में मदद करती हैं, लेकिन शांत हवाओं या बहुत हल्की हवाओं के साथ, कोहरा लंबे समय तक बना रहता है. दिल्ली-एनसीआर में हवा की कमी के कारण घना कोहरा लंबे समय तक बना रहा और यहां तक कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी खराब हो गया.
पश्चिमी विक्षोभ: पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव के कारण हाल ही में दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में बारिश हुई. ये विक्षोभ क्षेत्र में नमी लाते हैं, कभी-कभी ठंडी हवा के साथ मिलकर कोहरा पैदा करते हैं. हालांकि इस मामले में, उन्होंने कोहरे को साफ किए बिना नमी को जोड़ा हो सकता है.
उच्च आर्द्रता: हवा में नमी की मात्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बारिश और अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से नमी के प्रवाह के बाद, क्षेत्र में आर्द्रता का स्तर अधिक था, जिससे कोहरा बनने में योगदान मिला.
प्रदूषण: कोहरे की स्थिति चरम पर थी, क्योंकि मौसम संबंधी कारकों के साथ-साथ दिल्ली और एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता भी थी. गिरते तापमान, शांत हवाएं, उच्च आर्द्रता के साथ-साथ वायु प्रदूषण पैदा करने वाले कारक जैसे वाहन उत्सर्जन और निर्माण, कोहरे के कारण प्रदूषक जमीन के करीब फंस गए, जिससे स्थिति और खराब हो गई.
दिल्ली में लगातार तीसरे दिन कोहरे की मोटी चादर
दिल्ली में कोहरे की शुरुआत शुक्रवार (3 जनवरी) को हुई थी और कई इलाकों में लगातार तीसरी (5 जनवरी) सुबह कोहरे की मोटी चादर छाई रही. इस वजह से रविवार को विमान, ट्रेन और सड़क यातायात पर असर पड़ा. मौसम विभाग ने बताया कि पालम में सुबह 4 बजे से 7:30 बजे के बीच दृश्यता (Visibility) शून्य हो गई थी. इससे पहले शनिवार को पालम में नौ घंटे तक विजिबिलिटी शून्य रही थी.