नई दिल्ली: श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) को एनजीटी से आज बड़ी राहत मिली। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग को आज शाम पांच बजे तक 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। बाकी रकम भरने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग को तीन हफ्ते की मोहलत दी गई है। कुल मिलाकर आर्ट आफ लिविंग को बतौर जुर्माना पांच करोड़ रुपए अदा करना है। एनजीटी ने इस रकम को जुर्माना नहीं बल्कि पर्यावरण क्षति पूर्ति शुल्क बताया है।


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एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग से जुर्माने के 25 लाख रूपए आज भरने के लिए कहा और शेष 4.75 करोड़ रूपए का भुगतान करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। एनजीटी ने कहा कि यदि आर्ट ऑफ लिविंग आज 25 लाख रूपए देने में विफल रहता है तो सरकार की ओर से उसे दिया गया ढाई करोड़ रूपए का अनुदान जब्त कर दिया जाएगा।


इससे पहले के घटनाक्रम में एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के मामले में आज फिर सुनवाई की और जुर्माना नहीं देने के श्रीश्री रविशंकर के बयान पर हैरानी जताई। उसने कहा कि श्रीश्री रविशंकर से उसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी।


मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रविशंकर ने गुरुवार को कहा था कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम निष्कलंक हैं और ऐसे ही रहेंगे। हम जेल चले जांएगे लेकिन जुर्माना नहीं चुकाएंगे।’ संगठन के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट भी किया कि एओएल एनजीटी के फैसले से ‘संतुष्ट’ नहीं है और इसके खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने राजनीतिक दलों से समारोह का ‘राजनीतिकरण’ नहीं करने का अनुरोध किया।


 


गौर हो कि बुधवार को एनजीटी ने तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी देते हुये पर्यावरण मुआवजे के रूप में आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। श्रीश्री रविशंकर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यह एक सांस्कृतिक ओलंपिक जैसा है। विश्वभर के 37,000 कलाकार एकसाथ एक मंच पर नजर आएंगे। यह एक ऐसा समारोह है जो लोगों को एक-दूसरे के करीब लाएगा। इस प्रकार के कार्यक्रम का स्वागत किया जाना चाहिए।’  


(एजेंसी इनपुट के साथ)