नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने यमुना किनारे आर्ट ऑफ लिविंग के सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से पर्यावरण मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाये जाने को ‘जजिया’ कर करार देते हुए अधिकरण से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।


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विहिप के संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन ने एक बयान में कहा कि बिना किसी अपराध के एक धार्मिक व्यक्ति पर जुर्माना लगाना जजिया कर की याद दिलाता है जो मुगल शासन के दौरान लिया जाता था। जैन ने एनजीटी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।