नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms)  ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. संगठन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की.


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एनजीओ एडीआर ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड के तहत चंदा देने वाले का पहचान गोपनीय रखी जाती है. राजनीतिक पार्टियां भी चंदा देने वाले का नाम सार्वजनिक नहीं करती हैं.


दरअसल, 12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए दिए जाने वाले चंदे पर रोक की मांग को ठुकरा दिया था. शीर्ष अदालत ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे दानदाताओं की पहचान और उनके खातों में मौजूद धनराशि का ब्यौरा 30 मई तक एक सील बंद लिफाफे में चुनाव पैनल को सौंप दें.



देश की शीर्ष अदालत ने कहा था अगले आदेश तक चुनाव आयोग भी चुनावी बांड्स से एकत्रित की गई धनराशि का ब्यौरा सील बंद लिफाफे में ही रखें. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कानून में किए गए बदलावों का विस्तार से परीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि संतुलन किसी दल के पक्ष में न झुका हो. हालांकि इस दौरान चुनाव आयोग ने भी इस योजना का विरोध करते हुए कहा था कि इसमें पारदर्शिता की कमी है.