PFI Kota Rally: कांग्रेस का हाथ, कई राज्यों में बैन हो चुकी संस्था PFI उसके साथ? जानें क्यों मचा बवाल
PFI Kota Rally: कर्नाटक में हिजाब (Karnataka Hijab Row) को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है. विवादास्पद और कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने गुरुवार को कोटा में हिजाब के समर्थन में मार्च निकाला.
PFI Kota Rally: कर्नाटक में हिजाब (Karnataka Hijab Row) को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है. विवादास्पद और कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने गुरुवार को कोटा में हिजाब के समर्थन में मार्च (PFI Kota Rally) निकाला. बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए. बीजेपी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए कई राज्यों में बैन हो चुकी संस्था को कोटा में रैली की इजाजत दी गई.
जिला प्रशासन ने दी थी इजाजत
दरअसल PFI ने कहा कि उसके संगठन के 75 साल पूरे हो गए हैं. इसलिए वो अलग अलग जगहों पर रैली (PFI Kota Rally) निकालना चाहते हैं. कोटा में जो रैली निकाली गई, उसकी इजाजत जिला प्रशासन ने दी है. बीजेपी का कहना है कि PFI कई राज्यों में बैन है. इसलिए उसे रैली की इजाजत देना तुष्टिकरण नहीं तो और क्या है.
कांग्रेस का हाथ,PFI के साथ?
- राजस्थान के कोटा में 'यूनिटी मार्च'
- PFI के 75 वर्ष पूरे होने पर रैली
- जिला प्रशासन से PFI रैली को इजाजत
- PFI पर कई गंभीर आरोप- बीजेपी
- कई राज्यों में PFI बैन - बीजेपी
PFI के जिलाध्यक्ष साजिद खान ने कहा कि हिजाब हमारे लिए कोई मामला या मुद्दा नहीं है. यह हमारा संवैधानिक हक है और इसे हम हर्गिज नहीं छोड़ेंगे.
PFI और बीजेपी आमने सामने
राजस्थान में PFI के मार्च को लेकर PFI और बीजेपी आमने सामने है. राजस्थान बीजेपी नेता सतीश पुनिया ने कहा,' मुझे नहीं लगता है कि PFI की मंशा गणतंत्र बचाने की है. इस पर कई जगह पर बैन है और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं. हिजाब के मामले के अलावा भी देश में कई मुद्दे हैं, जिन पर बात होनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि पीएफआई जैसे संगठन को इस तरह के कार्यक्रम करने की अनुमति देनी चाहिए. इस तरह के कार्यक्रम से समाज को खतरा है.' वहीं PFI का कहना है कि उनपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं.
PFI पर क्या हैं आरोप?
- 2010 में केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटा
- सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों से फंडिंग
- आतंकवादी संगठन ISIS से भी संबंध
- जबरदस्ती धर्मांतरण और लव जिहाद
क्या है PFI?
- 1993 में केरल में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन हुआ
- 2006 में NDF का नाम Popular Front of India हुआ
- PFI के संबंध प्रतिबंधित संगठन SIMI से भी हैं
- PFI पर झारखंड सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया
- आतंकवादी संगठन ISIS से भी संबंध होने का आरोप
क्या उठते रहे हैं PFI पर सवाल?
- आतंकी फंडिंग से दंगा भड़काने का आरोप
- देशविरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप
- CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप
- लव जेहाद फैलाने का आरोप
- कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप
दिल्ली में दंगे भड़काने का भी आरोप
- देशभर में नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शन किए
- नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनों के लिए पैसा दिया
- धरने-प्रदर्शनों में भड़काऊ भाषण से प्रदर्शन हिंसक हुए
- CAA-NPR के लिए दस्तावेज नहीं दिखाने के लिए उकसाया
- प्रदर्शनकारियों को पहचान छिपाने के लिए भड़काया गया
PFI पर कहां- कहां बैन?
- पूरी तरह बैन- झारखंड
- बैन की तैयारी- उत्तर प्रदेश, असम, कर्नाटक और केरल
ये भी पढ़ें- Hijab मामले में मुस्लिम छात्राओं से भेदभाव का आरोप, वकील बोले- चूड़ी और क्रॉस को छूट क्यों?
देश को तोड़ने की साज़िश?
Q- पीएफआई क्या है?
A-पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
Q- कब बना PFI ?
A- 2006 में PFI का गठन हुआ
Q- PFI की चर्चा क्यों?
A- देशविरोधी गतिविधियों में PFI का नाम आया
Q- देशभर में PFI कितना सक्रिय है?
A- 16 राज्यों में है असर, 15 से ज्यादा संगठन इससे जुड़े हैं
Q- PFI का ISIS कनेक्शन क्या है?
A- 2017 में 6 PFI कार्यकर्ता ISIS में शामिल हुए
Q- PFI का अलकायदा कनेक्शन?
A- PFI को फंडिंग करता है अलकायदा का इस्लामिक बैंक
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