Phone Interception Rules In India: भारत सरकार ने फोन इंटरसेप्शन के लिए नए नियम बनाए हैं. अब राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) तथा ऊपर के अधिकारियों को आपातकालीन मामलों में इंटरसेप्शन आदेश जारी करने की पावर होगी.दूरसंचार विभाग (DoT) ने छह दिसंबर को प्रकाशित एक अधिसूचना में नए नियम बताए हैं. इमरजेंसी में दिए गए ऐसे इंटरसेप्शन ऑर्डर को सात दिन के भीतर सक्षम प्राधिकारी से अप्रूव कराना होगा.


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सात दिन के भीतर लेना होगा अप्रूवल


अगर सक्षम प्राधिकारी आपातकालीन मामलों में आदेश जारी होने के दिन से सात कार्य दिवसों के भीतर ऐसे आदेश की पुष्टि नहीं करता है, तो इंटरसेप्ट किए गए संदेशों को किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही इन संदेशों की प्रति को दो कार्य दिवसों के भीतर नष्ट करना होगा.


किन स्थितियों में दिए जा सकते हैं ऐसे आदेश?


अधिसूचना में कहा गया, 'जहां सक्षम प्राधिकारी के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में या परिचालन कारणों से आदेश जारी करना संभव नहीं है, तो इंटरसेप्शन आदेश केंद्रीय स्तर पर अधिकृत एजेंसी के प्रमुख या दूसरे स्तर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी जारी कर सकते हैं.' इसमें कहा गया कि राज्य में अधिकृत एजेंसी के प्रमुख या दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी, जो पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे नहीं हो, वह भी ऐसे आदेश जारी कर सकते हैं.


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आदेश को बाद में अप्रूवल कौन देगा?


अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार के मामले में गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव या राज्य सरकार के मामले में गृह विभाग के प्रभारी सचिव सक्षम प्राधिकारी होंगे. केंद्रीय स्तर पर समीक्षा समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें कानून सचिव तथा दूरसंचार सचिव सदस्य होंगे. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव समीक्षा समिति की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गृह सचिव के साथ राज्य कानून सचिव और राज्य सरकार के सचिव शामिल होंगे. (भाषा इनपुट)