J&K: आतंकी नायकू और सैफुल्लाह के बाद अब ये 7 आतंकी सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में
अब तक करीब 200 आतंकियों को सुरक्षा एजेंसियों ने मुठभेड़ में मार गिराया है.
आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी
सुरक्षा एजेंसी आने वाले दिनों में इन सभी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की तैयारी में है. सभी आतंकी जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में शामिल हैं, जिनमें से कुछ की सुरक्षाबलों पर हमले से लेकर आम लोगों तक को निशाना बनाने के कई मामलों में तलाश है. जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से जारी "ऑपरेशन ऑल आउट" में बड़ी संख्या में आतंकियों के कमांडर और 200 के करीब आतंकी मारे जा चुके हैं. हाल ही में हिजबुल कमांडर रियाज नायकू और डॉक्टर सैफुल्लाह ढेर होने से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बेहद परेशान है.
लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों का भारी जमावड़ा
जम्मू कश्मीर में मौजूद ज्यादातर आतंकियों के पास आतंकियों की भारी कमी है. ऐसे में आतंकियों को हथियारों की सप्लाई करने के साथ-साथ घाटी में लाइन ऑफ कंट्रोल के रास्ते बड़ी संख्या में आतंकियों को घुसपैठ कराने की साजिश रची जा रही है. लेकिन भारतीय सेना की काउंटर इनसरजेंसी (Counter Insurgency) और काउंटर टेरर (Counter Terror ) ग्रिड के चलते आतंकी भारत मे दाखिल होने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में इस बात का अंदेशा जताया गया है कि लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों का भारी जमावड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल पर बने इन लॉन्चिंग पैड्स पर 380 के करीब आतंकी जमा हैं जिनमें से कुछ पाकिस्तानी सेना के कैंपों में भी हैं.
लाइन ऑफ कंट्रोल पर ड्रोन्स का खतरा
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान ड्रोन का सहारा ले रहा है. इनमें लगे हाई रेजोल्यूशन कैमरे के जरिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर नजर रखी जा रही है. इन कैमरों के जरिये पाकिस्तानी सेना ये पता लगाती है कि एलओसी पर किन किन जगहों में गैप है और उसके बाद ऐसे गैप का पता चलते ही आतंकियों को इन्हीं रास्तों के जरिये घुसपैठ करने को कहा जाता है. पाकिस्तान से ड्रोन्स के इन खतरों से निपटने के लिए सेना ने भी एंटी ड्रोन्स टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर दिया है. लाइन ऑफ कंट्रोल पर इन ड्रोन्स के खतरे से निपटने के लिए अब जवानों और अफसरों को खास तरीके के कोर्स कराए जा रहे हैं.
हथियारों की सप्लाई करने के इनपुट
देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में पंजाब से लेकर जम्मू तक पाकिस्तान से सटे इलाकों में ड्रोन्स की मदद से हथियारों के साथ साथ ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की आईएसआई पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों की मदद से जहां पंजाब में ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई करने इनपुट मिले हैं. वहीं जम्मू में भी आतंकियों की मदद के लिए हथियारों की सप्लाई करने के मामले सामने आए हैं.
कश्मीर में इस वक़्त 205 आतंकी सक्रिय
चीनी ड्रोन्स अपने साथ 4-5 किलोग्राम वजन तक समान लेकर करीब दो किलोमीटर तक जा सकते हैं. ये ड्रोन्स अपने साथ हथियार और बम भी ले जा सकते है. सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ऐसे ड्रोन्स की मदद से सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा बलों पर बम से भी हमला कर सकता है. सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में इस वक़्त 205 आतंकी सक्रिय हैं जिसमें से 95 पाकिस्तानी आतंकी है.