Baba Ka Dhaba विवाद: कांता प्रसाद के खाते में आए थे 42 लाख रुपये, Delhi Police की स्टेटस रिपोर्ट से खुलासा
नई दिल्ली: बाबा का ढाबा (Baba Ka Dhaba) के मालिक कांता प्रसाद (Kanta Prasad) के पैसे को लेकर चल रहे विवाद मामले में दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें बताया गया है कि बाबा के ढाबा के मालिक कांता प्रसाद के खाते में लगभग 42 लाख रुपये आए हैं. बता दें कि बाबा ने हाल ही में यूट्यूबर गौरव वासन (Youtuber Gaurav Wasan) के खिलाफ एक याचिका कर हिसाब मांगा था.
यूट्यूबर गौरव वासन के खिलाफ याचिका
बाबा के ढाबा (Baba ka Dhaba) के मालिक कांता प्रसाद (Kanta Prasad) ने हाल ही में यूट्यूबर गौरव वासन (Youtuber Gaurav Wasan) के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने डोनेशन में आई राशि का पूरा हिसाब मांगा था.
बाबा ने लगाया था घोटाला करने का आरोप
कांता प्रसाद (Kanta Prasad) ने गौरव वासन (Gaurav Wasan) पर ढाबे के नाम पर आए दान के पैसों का घोटाला करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वीडियो में गौरव ने अपना और अपनी पत्नी का बैंक अकाउंट शेयर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि गौरव ने डोनेशन में आए सारे पैसे नहीं दिए.
गौरव ने शेयर किया था अकाउंट स्टेटमेंट
कांता प्रसाद (Kanta Prasad) की शिकायत के बाद लोगों ने स्कैम करने के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे. इसके बाद गौरव ने सोशल मीडिया पर अपना और अपनी पत्नी का अकाउंट स्टेटमेंट शेयर किया था.
दिल्ली पुलिस कर रही गौरव के खातों की जांच
दिल्ली पुलिस अब गौरव वासन (Gaurav Vasan) के बैंक अकाउंट की जांच कर रही है. अभी तक इस मामले में पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है और ना ही कोई चार्जशीट दाखिल की गई है.
बाबा ने खोला अपना रेस्टोरेंट
सोशल मीडिया पर फेमस हुआ 'बाबा का ढाबा' (Baba Ka Dhaba) अब एक रेस्टोरेंट में तब्दील हो चुका है. कुछ महीने पहले तक ग्राहक न मिलने से रो रहे कांता प्रसाद (Kanta Prasad) ने पुराने ढाबे के पास ही नया रेस्टोरेंट खोल लिया है.
ऐसा है बाबा का नया रेस्टोरेंट
नए रेस्टोरेंट में बाबा ने सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया है. बाबा के इस नए रेस्टोरेंट में इंटीरियर्स पर काफी काम किया गया है और रेस्टोरेंट में मोर पंख के वालपेपर लगे हैं. रेस्टोरेंट में लोगों के बैठने के लिए तो बढ़िया इंतजाम है ही, साथ ही खाना बनाने के लिए एक बड़ा किचन भी है, जबकि कांता प्रसाद पहले एक छोटी सी दुकान में ही खाना बनाते थे.