Cyclone Mandous: `मैंडूस` ने मचाई भारी तबाही, कहीं गिरे पेड़ तो किसी का उजड़ा आशियाना, तस्वीरों से देखिए कितना हुआ नुकसान
इस तूफान की रफ्तार 65-75 किमी प्रति घंटे तक थी. इससे अलग तट से टकराने के बाद हवा की रफ्तार और बढ़कर 100 किमी तक पहुंच गई.
तमिलनाडु के लोगों के लिए अगले कुछ घंटे काफई महत्वपूर्ण होने वाले हैं. यहां साइक्लोन मैंडूस के चलते तमिलनाडु के तटीय इलाकों में जमकर बारिश हो रही है. तेज हवाओं और आंधी से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं. खतरे को देखते हुए प्रशासन ने यहां 13 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है.
किसी तरह की अनहोनी न हो इसके लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. वहीं, चेन्नई में तेज बारिश और हवाओं की वजह से 13 फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है. दूसरी तरफ चेन्नई में NDRF की तैनाती कर दी गई है.
मौसम विभाग की मानें तो मैंडूस बंगाल की खाड़ी में वेस्ट से नॉर्थ वेस्ट की तरफ आ रहा है. यह 9 दिसंबर को पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा के बीच उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट को क्रॉस कर जाएगा.
इस तूफान की रफ्तार 65-75 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है. इससे अलग जब यह तट से टकराएगा तो हवा की रफ्तार और बढ़ जाएगी. तट से टकराने के बाद हवा की स्पीड 105 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है.
कुछ इलाकों में बिजली के खंभे भी गिरे हैं. हालांकि इससे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
चेंगलपट्टू जिले में ईस्ट कोस्ट रोड और चेंगलपट्टू जिले में कई जगह पेड़ों के गिरने की खबर है.
कई लोग मैंडूस को लेकर जानना चाहते हैं कि आखिर इसका नाम यह क्यों है. दरअसल ‘मैंडूस’ अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ है खजाने की पेटी (बॉक्स).
यह नाम यूएई की ओर से चुना गया था. यह चक्रवात धीमी गति से चलता है और बहुत अधिक नमी को अवशोषित करता है. चक्रवात हवा की गति के रूप में ताकत हासिल करता है.