DNA ANALYSIS: कैसे तैयार होती है Covaxin? आसान भाषा में समझिए इसकी पूरी प्रक्रिया
सोशल मीडिया पर कांग्रेस के नेशनल कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने एक RTI के हवाले से दावा किया कि कोवैक्सीन में 20 दिन से कम उम्र वाले गाय के बछड़े का सीरम इस्तेमाल किया जाता है. अंग्रेजी में इसे काफ सीरम (Calf Serum) कहते हैं, काफ का मतलब होता है, गाय का बछड़ा और सीरम का अर्थ काफी जटिल है. हम आपको इसे सरल शब्दों में समझाते हैं.
क्या होता है सीरम?
खून कई सारे कॉम्पोनेंट्स यानी तत्वों से मिलकर बनता है, जैसे व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स, विटामिन, प्लाज्मा और एंटीबॉडीज. जब इस खून के जमने के बाद इसमें से सभी कॉम्पोनेंट्स को अलग कर दिया जाता है तो जो लिक्विड बचता है, उसे ही सीरम कहते हैं.
कोवैक्सीन पर फेक न्यूज़
यानी गौरव पांधी ने ये फेक न्यूज़ फैलाई कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े का यही लिक्विड मिला हुआ है, लेकिन जिस RTI के हवाले से ये दावा किया गया, क्या वो भी यही कहती है. इसे आज समझना बेहद जरूरी है क्योंकि, सही और गलत जानकारी में अंतर सिर्फ शब्दों को होता है और ऐसे लोग शब्दों को घुमा फिरा कर फेक न्यूज़ को बनाने में एक्सपर्ट बन चुके हैं. कैसे, अब आप वो समझिए.
बछड़े का सीरम मिले होने की बात पूरी तरह गलत
केंद्र सरकार ने इस फेक न्यूज़ पर ब्रेक लगाते हुए इस पर सही जानकारी लोगों के साथ शेयर की, जिसके तहत सरकार ने बताया कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम मिले होने की बात पूरी तरह गलत है. सही जानकारी क्या है, वो अब हम आपको बताते हैं.
डेड सेल्स से तैयार होती है Vaccine
कोवैक्सीन, कोरोना वायरस के डेड सेल्स से तैयार होती है और ये काम अलग-अलग चरणों में होता है.
सीरम सिर्फ Vero Cells को विकसित करने के लिए
गाय के बछड़े का सीरम सिर्फ Vero Cells को विकसित करने के लिए होता है.
Vero Cells की ग्रोथ में एक एजेंट
कहने का मतलब ये है कि ये Serum, Vero Cells की ग्रोथ में एक एजेंट का काम करते हैं. जब Vero Cells विकसित हो जाते हैं, तब इन्हें पानी और केमिकल्स से कई बार धोया जाता है ताकि इनमें सीरम का एक भी अंश न रह जाए.
ऐसे बनती है वैक्सीन
इसके बाद इन Vero Cells को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाता है. आसान भाषा में कहें तो कोरोना वायरस को इन सेल्स में मिलाया जाता है, जिसके बाद ये वायरस उसमें अपनी कॉपीज बनानी शुरू कर देता है.
Vero Cells पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं
वायरस की ग्रोथ की इस प्रक्रिया में Vero Cells पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं और इस चरण के बाद सिर्फ वायरस बचता है.
डेड वायरस वैक्सीन
इसके बाद इस वायरस को भी पीट पीट कर मार दिया जाता है क्योंकि, ये एक डेड वायरस वैक्सीन है.
गाय के बछड़े का सीरम नहीं होता
समझने वाली बात ये है कि वायरस को मारने के बाद उसे पानी और केमिकल्स से फिर से धोया जाता है ताकि गाय के बछड़े का सीरम उसमें बचा न रहे.
मरे हुए वायरस से वैक्सीन तैयार होती है
इस पूरी प्रक्रिया के बाद मरे हुए वायरस से वैक्सीन तैयार होती है यानी वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम नहीं होता है.
दशकों से ऐसे ही बन रही वैक्सीन
ये एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका प्रयोग वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिक कई दशकों से कर रहे हैं.