Indian Railway: AC से लेकर स्लीपर तक, ट्रेनों में कैसी होती हैं सीटें? टिकट बुक करने से पहले यहां जानें
Indian Railway Seats: भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. यहां हजारों ट्रेनें रोजाना लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं. अगर आपने कभी ट्रेन में सफर किया है, तो आपको पता होगा कि ट्रेन में कई तरह की सीटें होती हैं. एक ही ट्रेन में के अलग-अलग कोच में कई तरह की सीटें होती हैं. आमतौर पर सेकेंड क्लास और स्लीपर की सीटों के बारे में तो पता होता है लेकिन कई लोगों को 1st AC, 2nd AC और 3rd AC क्लास की सीटों में अंतर नहीं पता होता. आज हम ट्रेन की सभी सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं.
भारतीय रेलवे में सबसे महंगी श्रेणी एसी फर्स्ट क्लास होती है. इसके सभी कंपार्टमेंट में 2 या 4 बर्थ होती हैं. 2 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट को कूप (coupe) और 4 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट केबिन (cabin) कहते हैं. इन कंपार्टमेंट की खासियत ये है कि इसमें अलग दरवाजे होते हैं, जिन्हें यात्री अंदर से बंद कर सकते हैं. इस कोच में साइड और अपर बर्थ नहीं होती. इसके अलावा सभी कंपार्टमेंट में एक डस्टबिन और एक छोटी टेबल होती है. साथ ही ट्रेन में अटेंडेंट को बुलाने के लिए कंपार्टमेंट में एक बटन होता है.
इसके बाद ट्रेन में 2nd AC कोच आता है. इसमें इसमें कोई मिडिल बर्थ नहीं होती. हालांकि इस कोच में साइड अपर और लोवर सीट होती है. ये सभी सीटें काफी कंफर्टेबल होती हैं. इस तरह हर एक कंपार्टमेंट में 6 सीटें होती हैं. इन कोच में भी रेलवे बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराता है. कोच के सभी कंपार्टमेंट में पर्दे लगे होते हैं. प्रत्येक बर्थ में एक रीडिंग लैंप होता है. साथ ही यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल भी दिया जाता है.
थर्ड एसी कोच को ज्यादातर लोग पसंद करते हैं. इसमें सफर करना किराए के नजरिए से सस्ता और सुविधजनक होता है. अगर इस कोच की सीटों की बात करें तो इसमें क्लास की तरह सीटें होती हैं. हर कंपार्टमेंट में 8 सीटें होती हैं. एसी 3 कोच से मिडिल बर्थ मिलना शुरू होती है. इस कोच में एसी होता है. साथ ही रेलवे की तरफ से यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल भी दिया जाता है.
इसके अलावा ट्रेनों में स्लीपर कोच भी होते हैं, जिसमें सीटें AC 3rd की तरह ही होती हैं. लेकिन इसमें AC नहीं होती. भारतीय रेलवे फर्स्ट क्लास, एसी एक्जीक्यूटिव क्लास, थर्ड एसी इकनॉमी क्लास, एसी चेयर कार और सेकेंड सीटिंग कोच का संचालन भी करती है.