ये हैं देश के Haunted Railway Stations, जानिए नाम और इनकी अनसुनी कहानियां

नई दिल्ली: भारत में यूं तो ऐसी कई जगहें हैं जिन्हें डरावना या भूतिया कहा जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूत (Ghost) जैसी कोई चीज नहीं होती है. इसके बावजूद देश में आज भी लाखों लोग हैं जिनका मानना है कि भूत या प्रेत इसी दुनिया में रहते हैं. कई लोगों ने भूतों को देखने का दावा भी किया है. इसी रेफरेंस में आपको देश के कुछ भूतिया रेलवे स्टेशनों (Haunted Railway Stations) के बारे में बताते हैं. ये रिपोर्ट लोगों द्वारा किए दावों और प्रचलित मान्यताओं के आधार पर बनाई गई है. इन रेलवे स्टेशनों के बारे में लोग दावा कर चुके हैं कि उन्होंने वहां पर भूत देखा या फिर अजीब पैरानॉर्मल एक्टिविटी को महसूस किया. जाहिर है कि इन्हीं बातों की वजह से इन स्टेशनों पर शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है.

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सैकड़ों अनकहीं कहानियां

भारतीय रेलवे, दुनिया के सबसे विशाल रेलवे नेटवर्क में अपनी अलग पहचान रखता है. देश में रेलवे से जुड़ीं सैकड़ों अनकहीं कहानियां और अनसुने तजुर्बे बुजुर्गों या रेलवे से रिटायर हुए लोगों के पास हैं. आज जिक्र देश के कुछ ऐसे अजीबो-गरीब और रहस्यमयी रेलवे स्टेशनों की कहानियां का. इस कड़ी में आपको उन रेलवे स्टेशनो के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होगा. हालांकि आपको बता दें कि ज़ी न्यूज़ ऐसी किसी भी भूतिया या अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है. 

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पुरुलिया का बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन

इस कड़ी में सबसे पहले बात पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन (Begunkodar Railway Station) की तो पुरुलिया जिले में स्थित इस स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि ये देश का सबसे डरावने और भूतिया रेलवे स्टेशन है. पुरुलिया और आस-पास के जिलों में रहने वालों का कहना है कि यहां कई यात्रियों ने सफेद साड़ी पहने हुई एक महिला के भूत को देखा है. ऐसे दावों के कारण इस रेलवे स्टेशन से ट्रेन गुजरती तो थी लेकिन रुकती नहीं थी. ड्राइवर भी इसके करीब आते ही ट्रेन की स्पीड बढ़ा देते थे ताकि इसे जल्द पार किया जा सके. इसे करीब 42 सालों तक के लिए बंद किया गया था जो आखिरकार साल 2009 में दोबारा खोला गया.

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बरोग टनल शिमला, हिमाचल प्रदेश

दूसरे नंबर पर बात हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) स्थित बरोग स्टेशन की तो शिमला रेलवे स्टेशन के नजदीक मौजूद सुरंग नं 33 का नाम इसे बनाने वाले इंजीनियर कर्नल बरोग के नाम पर पड़ा था. कहा जाता है कि स्थानीय लोगों ने इस टनल के आस-पास असाधारण गतिविधियां होते हुए देखी हैं. टनल को ब्रिटिश इंजीनियर बरोग ने बनवाया था. उसका एक फैसला उनके मातहतों के सामने उनके अपमान की वजह बना तो डिप्रेशन में आकर कर्नल ने सुरंग के किनारे टहलते हुए आत्महत्या कर ली. बाद में उन्हें इसी सुरंग के पास दफना दिया गया था. इसके बाद, सुरंग के आस–पास अजीबों-गरीब घटनाएं होनी शुरू हो गईं थीं. कई लोगों ने दावा किया कि उन्होंने इसके भीतर कर्नल की मौजूदगी को महसूस किया था. 

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नैनी स्टेशन, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिसे के करीब बनी नैनी जेल में अंग्रेजों ने सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को प्रताड़ित किया था जिससे उनकी मौत हो गई थी. नैनी का रेलवे स्टेशन इस जेल से कुछ ही दूरी पर स्थित है. हालांकि यहां कोई अप्रिय घटना तो नहीं घटी, लेकिन फिर भी लोगों ने इसके बारे में एक अजीब धारणा बना रखी है. उनका मानना है कि मृत स्वतंत्रता सेनानियों की आत्माएं स्टेशन के आस पास ही भटकती हैं और रात के समय यहां रोने चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं मानो कि आस-पास किसी को प्रताड़ित किया जा रहा हो.

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मुलुंड रेलवे स्टेशन, मुंबई

मुंबई में स्थित मुलुंड स्टेशन Mulund Railway Station के बारे में आपको बताते हैं. इस रेलवे स्टेशन को भी देश के चुनिंदा भूतिया रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है. स्टेशन पर आने वाले और आसपास रहने वाले लोगों का दावा है कि यहां शाम के बाद लोगों के चिल्लाने और रोने की आवाजें आती हैं. उनका कहना है कि ये उन लोगों की आवाजें हैं जो स्टेशन पर किसी घटना का शिकार हुए होंगे.

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चित्तूर रेलवे स्टेशन

इंडिया डॉट कॉम में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित Chittoor Railway Station को भी भूतिया कहा जाता है. इस स्टेशन से जुड़ी कहानी के मुताबिक एक बार इस स्टेशन पर एक सीआरपीएफ जवान हरी सिंह ट्रेन से उतरे थे. ट्रेन से उतरने के बाद किसी बात पर RPF और TTE ने उन्हें इतना मारा कि उनकी मौत हो गई. उसके बाद से ही सीआरपीएफ जवान की आत्मा यहां भटकती है. लोगों का कहना है कि वह इंसाफ पाने के लिए यहां भटकती रहती है.

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