मां ने माना 1976 प्लेन क्रैश में चली गई बेटे की जान, 45 साल बाद लौटा घर
विमान हादसे में मृत माने जाने वाले सज्जाद थंगल (Sajjad Thangal) जब 45 साल बाद घर लौटे तो यह उनके लिए एक प्यारी घर वापसी है. उनके स्वागत के लिए पूरा गांव सजाया गया. उनकी 92 वर्षीय मां फातिमा बीवी (Fathima Beevi) मिठाई के साथ उनका इंतजार कर रही थी. जैसे ही दोनों का सामना हुआ वे गले मिले और कुछ देर तक रोते रहे. ये आंसू खुशी के थे, 45 साल बाद बेटे के कर घर वापसी की खुशी.
ये भगवान की इच्छा है
सज्जाद थंगल 45 साल बाद शनिवार की शाम को अपने घर लौट आये. जहां उनका स्वागत करने के लिए उनकी 92 वर्षीय मां इंतजार कर रही थीं. थंगल ने कहा, 'क्या अधिक खुशी इस तुलना में मेरे लिए है. यह भगवान की इच्छा है और ऐसा हुआ है और भगवान के पास सभी के लिए एक योजना है.' इसके बाद थंगल ने अपने वृद्ध मां को गले लगाया और वह कोल्लम के पास अपने घर पहुंच गये.
'मैंने हमेशा इस दिन के लिए प्रार्थना की है और अंत में मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया गया है क्योंकि आप मेरे साथ वापस आ गए हैं. मेरी गहरी इच्छा थी कि मैं मरने से पहले, मैं आपको देखना चाहता हूं और यह हुआ है.' बेटे का इंतजार करने वाली मां ने कहा अपने बेटे को एक बार फिर देखने की उसकी जीवन भर की लालसा, उसे अपनी बांहों में पकड़ ले.
1976 में हुआ था विमान हादसा
थंगल 19 साल के थे, जब उन्होंने 1972 में एक जहाज पर यूएई के लिए अपना घर छोड़ा और एक सांस्कृतिक संगठन में स्टोर कीपर के रूप में काम करना शुरू किया. वह आखिरी बार 1976 में अपने घर आए थे.
दरअसल, 1976 में मुंबई में विमान दुर्घटना के बाद थंगल का जीवन पलट गया. इस दुर्घटना में प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय अभिनेत्री रानी चंद्रा सहित 95 लोगों की जान चली गई थी. उस वक्त मुंबई से चेन्नई जाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण इंडियन एयरलाइन की उड़ान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें सभी की मौत हो गई थी.
दुर्घटना के बाद डिप्रेशन में आ गए
थंगल के लिए चीजें खट्टी हो गईं क्योंकि कई लोगों ने सोचा कि अभिनेत्री के साथ उनकी भी मृत्यु हो गई. कई लोगों को लगा कि थंगल भी फ्लाइट में हैं, लेकिन ऐसा नहीं था. दुर्घटना से बुरी तरह परेशान थंगल डिप्रेशन का शिकार हो गए. उन्होंने हर चीज से दूर रहने का फैसला किया.
घरवालों ने मान लिया था मृत
पिछले हफ्ते ही एक टीवी कार्यक्रम के माध्यम से उनके रिश्तेदारों को पता चला कि वह जीवित हैं और मुंबई के पनवेल में एक वृद्धाश्रम में है. जल्द ही उनके रिश्तेदारों का एक समूह मुंबई में उतरा और उन्हें वापस ले आया.
पूरे गांव में मनाया गया जश्न
इस मौके पर अपने खोए हुए बेटे को पाने के लिए 100 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें उनके उस वक्त के 2 साल के बच्चे से लेकर 92 साल की मां तक के रिश्तेदार शामिल थे. उनके गांव ने उनके घर पर एक नागरिक रिसेप्शन का आयोजन किया और खुशी के अवसर को चिन्हित करने के लिए एक केक काटा गया और स्थानीय विधायक कोवूर कुंजुमन भी मौजूद थे.