Explained: शिंदे ने BJP को इतनी आसानी से नहीं दी CM की कुर्सी, पर्दे के पीछे क्या हुई डील?
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Explained: शिंदे ने BJP को इतनी आसानी से नहीं दी CM की कुर्सी, पर्दे के पीछे क्या हुई डील?

Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे का स्टेप बैक करना.. क्या किसी राजनीतिक समझौते का हिस्सा है? इसे समझ लेना जरूरी है. महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी संभव है. लेकिन इसके बावजूद भी कुछ बिंदु जो संभव हैं.. उनके बारे में समझ लेते हैं.

Explained: शिंदे ने BJP को इतनी आसानी से नहीं दी CM की कुर्सी, पर्दे के पीछे क्या हुई डील?

Eknath Shinde Steps Back: लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति के नए-नए चैप्टर राजनीति के शौकीन लोगों के लिए रोमांच पैदा करते रहते हैं. इस विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी यही हुआ है. सीएम पद को लेकर चल रही भयंकर उठापटक के बीच एकनाथ शिंदे ने साफ कर दिया है कि वे अगले सीएम नहीं बनने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मैंने अपने आप को कभी सीएम नहीं समझा. मैंने हर क्षण जनता के लिए काम किया. पीएम मोदी और अमित शाह ने हमेशा मेरा साथ दिया. अब सीएम के लिए वे जिसको चुनेंगे.. शिवसेना का समर्थन रहेगा. लेकिन अब सवाल यह है कि शिंदे की बीजेपी से आखिर ऐसी क्या डील हुई है कि बहुत ही आराम से शिंदे पीछे हट गए हैं. 

आखिर क्या-क्या डील संभव है.. 

असल में इसको लेकर कई कहानियां तैर रहीं हैं. लेकिन महाराष्ट्र की व्यावहारिक राजनीति में कुछ बिंदु जो संभव हैं.. उनके बारे में समझना जरूरी है. इनमें से पहली बात यह भी है कि एकनाथ शिंदे के लिए यह बहुत ही सही समय है कि वे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे के भविष्य की दिशा तय कर दें. दूसरी बात यह कि उनके बारे में महायुति या एनडीए के संयोजक को लेकर भी उनका नाम चल रहा है. तीसरी बात यह है कि अगर उनके बेटे को महाराष्ट्र में कोई भूमिका दी गई तो पीएम मोदी उन्हें जल्द ही केंद में भी बुला सकते हैं.

बेटे श्रीकांत को डिप्टी सीएम?

ठाणे में एकनाथ शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक बात तो साफ है कि सीएम अब बीजेपी का ही बनेगा. ऐसे में एकनाथ शिंदे चाहते हैं उनका बेटा श्रीकांत शिंदे डिप्टी सीएम बन जाए. कहा जा रहा है कि अगर श्रीकांत शिंदे के डिप्टी सीएम बनाने की मांग को मंजूर कर लिया जाता है तो एकनाथ शिंदे खुद सरकार से बाहर रहने के लिए तैयार हैं. हालांकि एकनाथ शिंदे की इस मांग का विरोध शिवसेना के अंदर भी हो सकता है. शिवसेना के कोर ग्रुप के नेताओं का मानना है कि इससे पार्टी की छवि खराब हो सकती है.

महायुति के संयोजक पद की जिम्मेदारी?

महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना और एनसीपी ने अपने गठबंधन का नाम महायुति रखा हुआ है. ऐसी अटकलें हैं कि एकनाथ शिंदे को महायुति के संयोजक पद की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है. लेकिन इससे ना तो बीजेपी खुश होगी और ना ही अजीत पवार की एनसीपी खुश होगी. वहीं शिंदे इस जिम्मेदारी के साथ ही बेटे श्रीकांत शिंदे के लिए डिप्टी सीएम के पोस्ट की डिमांड की है. अगर उनकी दोनों मांगें एक साथ मानी गईं तो अजीत पवार भी नाराज हो सकते हैं. 

टीम मोदी में जगह?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि पीएम मोदी से उनकी बात हुई है और गृहमंत्री अमित शाह से भी उनकी बात हुई है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या बात हुई है. इसका मतलब तो साफ है कि दोनों नेताओं ने कुछ ना कुछ जरूर भरोसा दिया होगा. कयास यह भी हैं कि शिंदे को टीम मोदी में शामिल करके केंद्र बुलाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में उनके बेटे या किसी खास करीबी को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.

या फिर डिप्टी सीएम पर होंगे राजी?

ढाई साल पहले का वाकया याद करिए जब सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान हुआ था तो देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए थे. क्या यह संभव है कि एकनाथ शिंदे भी डिप्टी सीएम के लिए तैयार हो सकते हैं. फडणवीस तो पहले सीएम भी रह चुके थे लेकिन उन्होंने पार्टी की बात मानकर डिप्टी सीएम की शपथ ली थी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि शिंदे ऐसा करेंगे करेंगे तो बड़ी बात होगी, क्योंकि उन्हें ऐसा करना एक तरह से खुद का डिमोशन लगेगा लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी संभव है. अगले कुछ घंटों में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.

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