4 हजार करोड़ के आलीशान Jai Vilas Palace में रहते हैं नए-नवेले Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia, देखें Photos
नव-नियुक्त नागरिक उड्डयन मंत्री (Civil Aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior)शहर में आलीशान जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace) में रहते हैं. यूरोपीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण होने के साथ-साथ यह रॉयल पैलेस टस्कन, इतालवी और कोरिंथियन शैलियों की भी झलक दिखाता है. इस महल की खूबसूरती और विलासिता के बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं. इस पैलेस की कीमत 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है. आज इस पैलेस से जुड़े ऐसे फैक्ट्स जानते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
560 किलो सोने से सजाया गया है जय विलास पैलेस
जय विलास पैलेस के इंटीरियर (Jai Vilas Palace's Interior) में 560 किलो सोने (Gold) का उपयोग किया गया है. सोने का सबसे ज्यादा उपयोग इसके हॉल में किया गया है, जहां राजा अपनी मीटिंग करते थे. इसका डिजाइन नियोक्लासिकल और बारोक शैलियों से प्रभावित है. इस पैलेस में रॉयल म्यूजियम और लाइब्रेरी भी है.
यह शाही महल सिंधिया परिवार का है, जिनका संबंध हिंदू मराठा वंश से है, जो कभी ग्वालियर में शासन किया करते थे.
8 हाथियों को लटकाया था छत से
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जय विलास पैलेस को अलग-अलग थीम को ध्यान में रखकर बनाया गया था. महल की पहली मंजिल टस्कन है, दूसरी - इटालियन-डोरिक और तीसरी कोरिंथियन और पलैडियन डिजाइन से प्रेरित है. जब इस महल को बनाया जा रहा था, तो 8 हाथियों को दरबार हॉल की छत से लटका कर देखा गया था कि क्या इसकी छत 2 विशाल झूमरों का वजन झेल पाएगी या नहीं. एक-एक झूमर का वजन 3,500 किलो है और उसमें 250 से ज्यादा बल्ब लगाए गए हैं.
अनोखी सिल्वर मॉडल ट्रेन
इस शाही जय विलास पैलेस में खाने की मेज पर ठोस चांदी से बनी एक मॉडल ट्रेन है. इस ट्रेन के जरिए मेहमानों के पास ब्रांडी और सिगार भेजे जाते हैं.
म्यूजियम में हैं एंटीक आर्ट आइटम्स
जय विलास पैलेस में 400 कमरे हैं. इनमें से 35 को म्यूजियम विंग में बदल दिया गया है. इस म्यूजियम में मराठा सिंधिया राजवंश का बेशकीमती कलेक्शन रखा गया है, जिसमें चांदी का रथ, पालकी, चांदी की बग्गी, पुरानी लक्जरी कारें शामिल हैं. इसमें झांसी की रानी की ढाल और औरंगजेब-शाहजहां के शासनकाल की तलवारें भी हैं.
इसलिए बनाया गया था जय विलास पैलेस
19वीं शताब्दी में जय विलास पैलेस बनाया गया था. आउटलुक इंडिया के अनुसार यह भव्य महल प्रिंस जॉर्ज और वेल्स की राजकुमारी मैरी के स्वागत के लिए बनाया गया था, जो 1876 में भारत आए थे. अब जय विलास पैलेस में जीवाजीराव सिंधिया के पोते ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया रहते हैं. उन्हें यह महल विरासत में मिला है.
4,000 करोड़ रुपये है जय विलास पैलेस की कीमत
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण के समय इस महल की कीमत करोड़ रुपये थी जो आज बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है. यह 12,40,771 वर्ग फुट में फैला हुआ है.