Uttarakhand Glacier Broke: चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद प्रलय, देखें तबाही की भयावह तस्वीरें
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले (Chamoli District) के रैणी गांव के पास हिमस्खलन होने से धौलीगंगा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई, जिसकी वजह से जोशीमठ क्षेत्र में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है. घटना रैणी गांव के पास हुई, जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है. धौलीगंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई और इसके किनारे कई घर नष्ट हो गए.
10 बजे नदी में बाढ़
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बताया कि लगभग 10 बजे कुछ बादल फटने या जलाशय में जलस्तर में तीव्र वृद्धि से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जोकि गंगा नदी के 6 स्रोत धाराओं में से एक है.
150 मजदूरों के लापता होने की आशंका
ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करने वाले करीब 150 मजदूरों के लापता होने की आशंका है. तपोवन बिजली परियोजना का एक बांध टूट गया और उसके बह जाने की आशंका है.
आईटीबीपी और एसडीआरएफ बचाव में लगे
आईटीबीपी और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में भेजा गया है.
ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट
ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है.
हादसे की जगह पर ज्यादा बसाव नहीं
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूटा है, वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं.
150 मजदूर लापता
पानी के तेज बहाव में ऋषिगंगा और धौलीगंगा प्रोजेक्ट के करीब 150 लोगों के लापता होने की खबर है. पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि करीब 150 मजदूरों का पता नहीं चल पा रहा है. बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
100-150 के हताहत होने की आशंका
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में आई बाढ़ में 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.'