Knowledge: आखिर काले रंग के ही क्यों होते हैं गाड़ियों के टायर, इन्हें लाल-पीला कर दें तो क्या होगा?
Tire Colour: दुनिया में कई तरह के रंग हैं. कई लोगों को रंग बिरंगी चीजें काफी पसंद होती हैं. लेकिन आपने देखा होगा कि सड़क पर तमाम रंगों की गाड़ियां मिलती हैं, लेकिन सभी के टायर काले रंग के ही होते हैं. आपके मन में भी आता होगा कि गाड़ियों के रंग के ही टायर क्यों नहीं बनाए जाते? आखिर सभी टायरों का रंग काला ही क्यों होता है? आइए इसके पीछे की वजह बताते हैं.
पहले रबर के बनते थे टायर
बीबीसी की एक रिपॉर्ट के मुताबिक, बता दें कि पहले रबर (Rubber) से टायर बनाए जाते थे. आपको पता होगा कि रबर का प्राकृतिक रंग काला नहीं होता है. लेकिन रबर से बने टायर काफ जल्दी घिस जाते थे. इसके बाद जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च की तो पाया कि अगर रबर में कार्बन और सल्फर मिला दिया जाए तो वो मजबूत हो जाएगी.
रबर में मिलाया जाता है कार्बन
कच्ची रबर का रंग हल्का पीला होता है. टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन मिलाया जाता है और इसी वजह से टायर जल्दी नहीं घिसता है. आपको मालूम होगा कि कार्बन का रंग काला होता है. इसीलिए जब रबर में कार्बन मिलाया जाता है तो रबर भी काली हो जाती है. इससे टायर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से भी बच जाता है.
कार्बन वाला टायर चलता है ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार, सादा रबर का टायर केवल 8 हजार किलोमीटर चल सकता है, वहीं कार्बनयुक्त रबर से बना टायर करीब 1 लाख किलोमीटर तक चलने में सक्षम होता है. गौरतलब है कि रबर में मिलाए जाने वाले कार्बन की भी कई श्रेणियां होती हैं. कार्बन की श्रेणी पर ही निर्भर करता है कि रबर कितनी मजबूत होगी.
कई तरह के कार्बन का किया जाता है इस्तेमाल
आपको बता दें कि काले कार्बन की भी कई श्रेणियां होती हैं. रबर मुलायम होगी या सख्त यह इस पर निर्भर करेगा कि कौन सी श्रेणी का कार्बन उसमें मिलाया गया है. मुलायम रबर के टायरों की पकड़ मजबूत होती है लेकिन वो जल्दी घिस जाते हैं, जबकि सख्त टायर आसानी से नहीं घिसते और ज्यादा दिन तक चलते हैं.
सफेद, पीले और दूसरे रंगों के क्यों नहीं होते टायर?
वहीं आपने देखा होगा कि बच्चों की साइकिलों में सफेद, पीले और दूसरे रंगों के टायर लगे होते हैं. इसकी वजह है कि बच्चों की साइकिल रोड पे ज्यादा नहीं चलती है और बच्चों के साइकिल में काला कार्बन नहीं मिलाया जाता है, इसलिए ये टायर ज्यादा दिन तक नहीं चलते हैं और जल्दी घिस जाते हैं. बच्चों की साइकिल भी कम दूरी तक चलती है इसीलिए उसके टायरों के घिसने का खतरा कम होता है.