INDIA की NSG क्यों है आतंक के खिलाफ दुनिया की घातक कमांडो यूनिट, कैसे तैयार होते हैं `ब्लैक कैट्स`?

NSG 38th Raising Day: आज 16 अक्टूबर को दुनिया के सबसे बेहतरीन आतंकवाद-रोधी बलों में से एक `राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड` (NSG) का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. एनएसजी के 38 वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई दिग्गज हस्तियों ने इन देश के रखवालों को उनके योगदान के लिए बधाई दी. एनएसजी को अनौपचारिक रूप से `ब्लैक कैट्स` भी कहा जाता है, क्योंकि वे ऊपर से नीचे तक काली वर्दी में होते हैं.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Sun, 16 Oct 2022-8:54 pm,
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26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान असाधारण बहादुरी का प्रदर्शन करने से लेकर पठानकोट के आतंकवादियों को बेअसर करने तक एनएसजी कमांडो हाल के इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण आतंकवाद विरोधी अभियानों में सबसे आगे रहे हैं. आइये आपको बताते हैं इन शूरवीर योद्धाओं के बारे में..

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एनएसजी एक 'जीरो एरर' विश्व स्तरीय बल है जो आतंकवाद विरोधी स्थितियों की एक पूरी श्रृंखला से निपटता है. विशेष परिस्थितियों को हैंडल करने के लिए इन्हें तगड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. एनएसजी को आतंक के गंभीर कृत्यों से निपटने के लिए तैयार किया जाता है. एनएसजी के कमांडो को शून्य गलती, स्पीड, क्विक ऐक्शन, चुपके से सटीक वार करना खास बनाती है.

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आतंकवाद विरोधी संघीय आकस्मिक बल बनाने का निर्णय 1984 में लिया गया था जब पंजाब में उग्रवाद अपने चरम पर था. उस समय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक ऐसे बल की कल्पना की थी जो न केवल अत्यधिक प्रेरित हो बल्कि अच्छी तरह से प्रशिक्षित और आतंकवाद के अलग-अलग प्रारूपों को विफल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हो. इसे ध्यान में रखते हुए NSG 22 सितंबर 1986 को अस्तित्व में आया.

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वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 'ब्लैक कैट्स' का इस्तेमाल करने के लिए अतीत में विभिन्न सरकारों की आलोचना की गई है. इस साल जनवरी में, केंद्र ने एनएसजी को इस कार्य से हटाने का फैसला किया. सरकार की सोच यह है कि भारत तेजी से बड़ी संख्या में आतंकवाद विरोधी चुनौतियों का सामना कर रहा है. 26/11 के हमलों के दौरान करीब 400 एनएसजी कमांडो को मुंबई में तीन दिनों से अधिक समय तक तैनात किया गया था.

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यदि एक साथ कई आतंकवादी हमले होते हैं, तो बल को कार्रवाई के सभी थिएटरों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या बल की जरूरत होती है. जर्मनी के विशिष्ट आतंकवाद विरोधी बलों जीएसजी-9 और यूके के एसएएस की ही तरह एनएसजी भी बिजली से भी तेज कार्रवाई के लिए जाना जाता है. एनएसजी में विशेष रूप से चुने गए योद्धा, भारतीय सेना (स्पेशल एक्शन ग्रुप) के साथ ही केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों (स्पेशल रेंजर ग्रुप) से आते हैं.

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कठिन शारीरिक फिटनेस में 25 पड़ाव पार करने में कई उम्मीदवार छट जाते हैं. उम्मीदवारों को सर्वोच्च शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक शक्ति के लिए परीक्षण किया जाता है. जिसके बाद एक एनएसडी कमांडो तैयार होता है. एनएसजी कमांडो बहुत जल्दी खतरे और दुश्मन के इरादे परख कर प्रतिक्रिया देने में माहिर होते हैं. उनके कार्यक्षेत्र में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है.

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