नई दिल्लीः आपने कानपुर के मशहूर कैश कांड के बारे में तो सुना ही होगा, जिसमें कानपुर के एक इत्र के व्यापारी.. पीयूष जैन के घर से लगभग 200 करोड़ रुपये कैश मिला था. लेकिन अभी तक आपने ये सुना होगा कि ये वही पी. जैन है, जिसने समाजवादी पार्टी के नाम पर समाजवादी इत्र बनाया था, जिसे खुद अखिलेश यादव ने लॉन्च किया था. अभी तक देश के लोग यही समझ रहे थे कि ये वही पी. जैन हैं. लेकिन ये कहानी और भी दिलचस्प हो गई, जब हमें ये पता चला कि समाजवादी इत्र बनाने वाले व्यापारी पीयूष जैन नहीं बल्कि पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन हैं. अब संयोग देखिए कि पुष्पराज जैन भी कन्नौज में उसी रोड पर रहते हैं, जहां पीयूष जैन का घर है. और दोनों के घरों के बीच सिर्फ़ 500 मीटर की दूरी है. तो अब बड़ा सवाल ये है कि क्या ये Mistaken Identity का केस है?.. आज हम आपको असली पी. जैन के बारे में बताएंगे, जिसके बाद ये कहानी एक नया मोड़ ले लेगी. लेकिन असली पी. जैन की ये पूरी कहानी क्या है, पहले आपको इसके बारे में बताते हैं.


छापेमारी में 177 करोड़ रुपये कैश मिला था


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इस कहानी की शुरुआत होती है 23 दिसम्बर को कानपुर के एक घर से, जहां पर इनकम टैक्स और GST Intelligence की टीम को छापेमारी में 177 करोड़ रुपये कैश मिला था. जब इस मामले की जांच हुई तो पता चला कि ये घर कन्नौज के एक इत्र कारोबारी पीयूष जैन का है. और यहीं से फिर ये ख़बर सामने आई कि ये वही पी. जैन है, जिसने इसी साल समाजवादी पार्टी के लिए समाजवादी इत्र बनाया था, जिसे खुद अखिलेश यादव ने 9 नवम्बर को लॉन्च किया था. ये पूरी ख़बर तब और ज्यादा चर्चा में आ गई, जब ये पता चला कि समाजवादी इत्र बनाने वाले व्यक्ति के पहले नाम का पहला अक्षर P है, Surname जैन है, वो कन्नौज में रहता है और कन्नौज में भी उसी सड़क पर रहता है, जिस सड़क का पता सरकारी जांच एजेंसियों ने आरोपी के घर के लिए अपने अधिकारिक बयान में बताया है. हमने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो हमें पता चला कि जिस व्यक्ति के घर से लगभग 200 करोड़ रुपये कैश मिला है, उसका नाम पी. जैन तो है.. लेकिन वो असली पी. जैन नहीं है. असली पी. जैन हैं, पुष्पराज जैन ऊर्फ़ पम्पी जैन. पम्पी जैन ने ही समाजवादी पार्टी के लिए इत्र बनाया था. लेकिन जिस पी. जैन के घर इनकम टैक्स का छापा पड़ा है, वो पीयूष जैन है और उसका समाजवादी पार्टी के इत्र से कोई लेना देना नहीं है. एक जैसे दो नामों को लेकर ये Confusion इसलिए हुई क्योंकि पीयूष जैन का घर भी कन्नौज में उसी रोड पर है, जहां पम्पी जैन का घर है. दोनों के घर के बीच सिर्फ़ 500 मीटर की दूरी है. इससे ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला Mistaken Identity का है. 


कभी एक कमरे के मकान में रहता था


पीयूष जैन कभी एक कमरे के मकान में रहता था. लेकिन पिछले 15 वर्षों में वो एक हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का मालिक बन गया. इनकम टैक्स और GST Intelligence की टीम अब तक उसके ठिकानों से लगभग 200 करोड़ रुपये कैश, 23 किलोग्राम सोने की ईंटें, जिनकी क़ीमत 11 करोड़ हो सकती है. 6 करोड़ रुपये का 600 किलोग्राम चंदन, 400 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के दस्तावेज, 500 चाबियां, 109 ताले और 18 लॉकरों के बारे में पता लगा चुकी हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस व्यक्ति के पास हज़ारों करोड़ रुपये की धन दौलत थी, वो अपने पड़ोसियों और जान पहचान के लोगों के लिए एक साधारण सा इंसान था. पीयूष जैन को जब भी कन्नौज से कानपुर जाना होता था, तो वो इसके लिए गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करता था. बल्कि रोडवेज की सरकारी बस से ही कन्नौज से कानपुर जाता था. इसके अलावा वो एक सादा सा सफेद कुर्ता और हवाई चप्पल पहन कर रहता था, ताकि लोगों को कभी ये पता ना चले कि वो कितना अमीर है. और उसके घर में लगभग 200 करोड़ रुपये कैश रखा है.