नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक तपेदिक रोग के खात्मे के लक्ष्य के साथ मंगलवार को तपेदिक मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पूरे विश्व में टीबी को वर्ष 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य है. मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि हमने इसे भारत से पांच वर्ष पहले ही, वर्ष 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य साधा है.' प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'भारत से टीबी के सफाए के लिए राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है. मैंने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख इस अभियान से जुड़ने को कहा है.' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान भवन में सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए यह बातें कहीं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


टीबी उन्मूलन के लिए 12 हजार करोड़ रुपए की राशि आवंटित
उल्लेखनीय है कि अगले तीन वर्षो में तपेदिक रोग के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना को 12 हजार करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक मरीज को गुणवत्ता संपन्न रोग निदान, उपचार और समर्थन मिल सके. राष्ट्रीय रणनीतिक योजना का उद्देश्य टीबी के सभी रोगियों का पता लगा कर उन्हें उपचार मुहैया कराना है. 


टीबी मरीजों के लिए 600 करोड़ रुपए आवंटित, 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों का ऐलान


1997 में शुरू हुए कार्यक्रम के तहत 2 करोड़ टीबी मरीजों का हुआ इलाज
प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी समाप्त करने के विजन ने एसडीजी के पांच वर्ष पहले संशोधित राष्ट्रीय तपेदिक कार्यक्रम के प्रयासों को तेज कर दिया है. 1997 में शुरू हुए इस कार्यक्रम के अंतर्गत दो करोड़ से अधिक टीबी रोगियों का इलाज किया गया है.


टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए सम्मेलन के पार्टनर
सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (SEARO) और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप से किया जा रहा है.