Banni Buffalo: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज (सोमवार को) विश्व डेयरी समिति (International Dairy Federation) का यूपी के ग्रेटर नोएडा में शुभारंभ किया. इस दौरान दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बन्नी भैंस का किस्सा सुनाया. पीएम मोदी ने बताया कि कच्छ की विषम परिस्थिति में भी भारतीय नस्ल की बन्नी भैंस कैसे अपने आपको ढाल लेती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ का तापमान अधिक होने के कारण बन्नी भैंस रात में चरने के लिए निकलती है. बन्नी भैंस अकेले ही करीब 15 किलोमीटर के दायरे जाकर चर आती है. उसके साथ किसी चरवाहे को जाने की जरूरत नहीं पड़ती है.


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बन्नी भैंस का किस्सा पीएम मोदी ने सुनाया


अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन (World Dairy Summit) में पीएम मोदी ने गुजरात की बन्नी भैंस का किस्सा सुनाते हुए कहा कि इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय पशुओं की नस्लें कितनी ज्यादा क्लाइमेट कंफर्टेबल होती हैं. बन्नी भैंस कच्छ की कठिन परिस्थितियों के हिसाब से ढल जाती है, जो अविश्वसनीय है.


रेगिस्तान की परिस्थितियों में घुलमिल जाती है बन्नी भैंस


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बन्नी भैंस कच्छ के रेगिस्तान की परिस्थितियों में घुलमिल जाती है. कच्छ में दिन के वक्त बहुत तेज धूप होती है. इसके अलावा रेगिस्तान में पानी भी कम है, लेकिन बन्नी भैंस कम पानी में ही अपना काम चला लेती है.


डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस हो रहा तैयार


पीएम मोदी ने कह कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है. डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है. आधुनिक तकनीक की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं. हमने इसे पशु आधार नाम दिया है. भारत के डेयरी सेक्टर में महिला शक्ति 70% कार्यबल का प्रतिनिधित्व करती है. भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं. इतना ही नहीं भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं.



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