S Jaishankar On India Russia Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान शहर की यात्रा करने वाले हैं. मोदी की रवानगी से पहले, सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दुनिया को भारत और रूस की दोस्ती का संदेश दिया. जयशंकर ने एक टीवी चैनल के इवेंट में कहा कि रूस ने कभी भी भारत के हितों पर नकरात्मक प्रभाव नहीं डाला. विदेश मंत्री के अनुसार, 'ऐसे बहुत कम देश हैं जिनके बारे में आप ऐसा कह सकते हैं.'


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जयशंकर ने सोमवार को कहा, 'अगर आप आजादी के बाद रूस के साथ हमारे इतिहास को देखें, तो मैं कह सकता हूं कि रूस ने कभी भी हमारे हितों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला कुछ नहीं किया है. ऐसे बहुत कम देश हैं जिनके बारे में आप ऐसा कह सकते हैं. आज रूस की स्थिति अलग है.'


हमारे लिए जो अच्छा, उसे क्यों न अपनाएं?


विदेश मंत्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि रूस के पश्चिम के साथ संबंध स्पष्ट रूप से खराब हो गए हैं. इसलिए आपके पास एक ऐसा रूस है जो एशिया की ओर अधिक मुड़ रहा है... क्या हमें एक एशियाई देश के रूप में, राष्ट्रीय हित में हमारे लिए जो अच्छा है, उसे नहीं अपनाना चाहिए? एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन शक्ति के रूप में रूस विकास के इस चरण में भारत के साथ पूरक है, जब हम बड़े संसाधन उपभोक्ता हैं... आप हमेशा दूर के देश के साथ बहुत अच्छे संबंध बनाए रखेंगे...'


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हम ब्रिक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण: भारत


भारत ने सोमवार को कहा कि वह ब्रिक्स के लिए महत्वपूर्ण है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह टिप्पणी की. मिस्री ने कहा, 'भारत ब्रिक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसके योगदान ने आर्थिक विकास, सतत विकास और वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स के प्रयासों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.'


पिछले वर्ष विस्तार के बाद यह समूह का पहला शिखर सम्मेलन होगा. शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू होगा और विचार-विमर्श का मुख्य दिन बुधवार होगा. उम्मीद है कि मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने कई समकक्षों और कज़ान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.


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मिस्री ने कहा, 'हम ब्रिक्स के भीतर अपनी भागीदारी और गतिविधियों को बहुत महत्व देते हैं, क्योंकि हम इसे वैश्विक बहुध्रुवीयता की प्रमुख अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं.' विदेश सचिव ने कहा कि यह समूह वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी कार्य करता है, साथ ही एक अधिक निष्पक्ष, अधिक विशिष्ट और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भी योगदान देता है. उन्होंने कहा, 'नेताओं द्वारा कज़ान घोषणापत्र को भी अपनाने की उम्मीद है, जो ब्रिक्स के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगा.' (एजेंसी इनपुट्स)