Analysis: `सेमीफाइनल` जीतते ही तीसरी पारी की गारंटी क्यों देने लगे मोदी, 2024 की पिक्चर अभी बाकी है?
Narendra Modi vs Rahul Gandhi: हाल के विधानसभा चुनावों से पहले 2024 का चुनाव मोदी बनाम राहुल माना जा रहा था. विपक्षी ने अलायंस बनाकर पटकथा भी तैयार कर ली थी लेकिन मोदी की गारंटी पर जिस तरह से नतीजे आए उसने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
2024 Lok Sabha Chunav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सूरत की रैली (PM Narendra Modi Speech) में एक ऐसी बात कह दी, जिसने I.N.D.I.A गठबंधन में खलबली मचा दी है. वैसे तो मोदी काशी जाने से पहले सूरत में हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन और हीरे के बिजनस के लिए डायमंड बोर्स का उद्घाटन करने आए थे लेकिन 2024 के लिए विपक्ष की धुकधुकी बढ़ा गए. अब उनकी वो बात सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है. जी हां, पीएम ने रैली में कहा, 'अब मोदी ने देश को गारंटी दी है कि अपनी तीसरी पारी में भारत दुनिया की टॉप-3 इकोनॉमी में जरूर शामिल होगा.' इतना सुनते ही तालियां बजने लगीं और मोदी-मोदी के नारे लगने लगे. पीएम ने जिस आत्मविश्वास से यह बात कही वो काफी कुछ संकेत दे जाता है. मोदी ने आगे कहा कि सरकार ने आने वाले 25 साल का भी टारगेट तय किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि हाल में पांच में से तीन हिंदीभाषी राज्यों में कमल खिलाने के बाद क्या मोदी 2024 के आम चुनाव के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं? क्या उन्हें टक्कर देने वाला चेहरा विपक्ष में कोई नहीं है? क्या लोकसभा चुनाव में जनता उनकी गारंटी पर ही वोट देगी? सबसे बड़ा सवाल क्या राजस्थान-छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद राहुल गांधी की 2024 के लिए राह अब मुश्किल हो गई है?
1. सेमीफाइनल जीत जोश में है भाजपा
जरा याद कीजिए, जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा हुई थी तो विपक्ष के नेता ही कह रहे थे कि देखिएगा 2024 का सिग्नल मिल जाएगा, सब पता चल जाएगा.... दिलचस्प यह रहा कि भाजपा ने भी बिना बताए इसे सेमीफाइनल मानकर ही चुनाव लड़ा। पार्टी ने सीएम का चेहरा सामने नहीं किया बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही पूरा चुनाव लड़ा गया. PM ने भी कहना शुरू कर दिया कि ये मोदी की गारंटी है. डबल इंजन की सरकार की महत्ता बतानी हो या केंद्र सरकार की विकास योजनाएं, मोदी ने जनता के मन में यह बात बिठा दी कि आप कैंडिडेट नहीं मोदी की गारंटी पर भरोसा करो. मैं करके दिखाऊंगा और हुआ भी वैसा ही. तीनों हिंदीभाषी राज्यों में भाजपा की शानदार विजय हुई और नए चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपी गई. अब इस गारंटी को आगे बढ़ाते हुए पीएम ने 2024 के चुनाव से पहले अपने तीसरे कार्यकाल का टारगेट बताना शुरू कर दिया है.
2. 'मोदी की गारंटी' पर जनता को भरोसा
पीएम ही नहीं, पूरी भाजपा यह कह रही है कि चुनावों में जीत से साफ है कि देश को मोदी पर भरोसा है. कई पोस्टर और बैनर तैयार किए गए जिसमें 'मोदी की गारंटी' को बोल्ड में उकेरा गया. कल सूरत में पीएम ने भी कहा कि आजकल आप मोदी की गारंटी की चर्चा खूब सुनते होंगे. हाल के जो चुनाव नतीजे आए उसके बाद यह चर्चा बढ़ गई है. लेकिन सूरत के लोग तो 'मोदी की गारंटी' को काफी पहले से जानते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के परिश्रमी लोगों ने मोदी की गारंटी को सच्चाई में बदलते देखा है. पीएम ने संकेत दे दिया है कि अगले आम चुनाव में भाजपा 'मोदी की गारंटी' पर ही इलेक्शन लड़ने जा रही है. 370 हो या राम मंदिर सब उसी लाइन पर साबित किए जाएंगे.
3. विपक्ष में क्या कोई चेहरा नहीं?
यह अहम सवाल है क्योंकि कांग्रेस काफी पहले से मान चुकी है कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को अकेले चुनौती नहीं दी जा सकती है. विधानसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A गठबंधन बनाया गया लेकिन राज्यों के चुनावों में यह गठबंधन बिखरा दिखा. बाद में कहा गया कि इसे 2024 के लिए बनाया गया है. कांग्रेस की तरफ से बार-बार पीएम पद के लिए राहुल गांधी का नाम उछाला गया और यह कहा गया कि विपक्ष में कांग्रेस ही अकेली ऐसी पार्टी है जो भाजपा को पूरे देश में चुनौती दे सकती है लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद अरविंद केजरीवाल हों या नीतीश कुमार सब अपनी दावेदारी को धार देने में लग गए हैं. नीतीश अकेले देशव्यापी अभियान पर निकलने वाले हैं और केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि पंजाब की सभी लोकसभा सीटें जीतने में उनकी पार्टी की मदद करें. इससे संकेत मिल रहे हैं कि आम चुनाव से पहले इंडिया अलायंस मजबूत नहीं है. कांग्रेस की जो लहर राहुल गांधी की यात्रा से पैदा हुई थी वह रफ्तार पकड़ने से पहले ही शांत हो चुकी है.
4. कांग्रेस की सबसे बड़ी मुसीबत
2014 में एनडीए की सरकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार की चर्चा या कहें कि 'उजागर' करके ही बनी थी. अब 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है तो कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से करीब 350 करोड़ रुपये के नोटों के बंडल मिले गए. पीएम मोदी समेत पूरी भाजपा कांग्रेस को घेरने में जुट गई है. भाजपा के नैरेटिव को तोड़ने के लिए राहुल गांधी के उछाले गए नारे 'मोहब्बत की दुकान' को 'करप्शन की दुकान' कहा जा रहा है. दो दिन पहले साहू ने सफाई तो दे दी लेकिन कांग्रेस पर दाग तो लग ही गए हैं. चुनाव में भाजपा इस मुद्दे को भुनाएगी. साहू ने साफ कहा है कि यह पैसा उनकी शराब फर्मों का है, कांग्रेस से उसका कोई लेना देना नहीं है.
5. भाजपा के पास है बूस्टर
हां, भाजपा के पास मोदी की योजनाओं का बूस्टर डोज है. पीएम अपनी हर रैली में सिलेंडर, हेल्थ कार्ड, पानी, बिजली के साथ-साथ मुफ्त अनाज की बातें करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन, 10 ट्रिलियन बनाने का एजेंडा भी सामने रखा है. उन्होंने कहा है कि निर्यात बढ़ाने पर सरकार फोकस कर रही है. मोदी सरकार का कहना है कि मुफ्त अनाज गरीबी से लड़ने का हथियार है. नवंबर में ही सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल आगे बढ़ाने का फैसला किया था. इसके तहत गरीबों को हर महीने पांच किलो राशन मुफ्त में दिया जाता है. महिलाओं के लिए स्कीम हो या युवाओं के लिए नौकरी की बात... किसी भी मुद्दे पर मोदी की 'गारंटी' को विपक्ष अब तक झुठला नहीं सका है.