नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने इस्कॉन आंदोलन (ISKCON Temple) के जनक श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी (Srila Bhaktivedanta Swami Prabhupada Ji) की 125 वीं जयंती पर बुधवार को स्मारिका का विमोचन किया. इस मौके पर उन्हें स्वामी प्रभुपाद जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डालकर मानव जाति को उनसे प्रेरणा लेने की अपील की.


'भारतीयता का परियाचक बने इस्कॉन टेंपल'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम मोदी ने कहा, 'आज दुनिया के अलग अलग देशों में सैकड़ों इस्कॉन मंदिर हैं, कितने ही गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुये हैं. इस्कॉन ने दुनिया को बताया है कि भारत के लिए आस्था का मतलब है- उमंग, उत्साह, और उल्लास और मानवता पर विश्वास.'


उन्होंने कहा कि एक समय अगर स्वामी विवेकानंद जैसे मनीषी आए जिन्होंने वेद-वेदान्त को पश्चिम तक पहुंचाया, तो वहीं विश्व को जब भक्तियोग को देने की ज़िम्मेदारी आई तो श्रील प्रभुपाद जी (Srila Bhaktivedanta Swami Prabhupada Ji और इस्कॉन ने इस महान कार्य का बीड़ा उठाया.


'कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु ने दी शक्ति'


प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज विद्वान इस बात का आंकलन करते हैं कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहां होता, किस स्वरूप में होता! उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा, उन्होने ‘विश्वास से आत्मविश्वास’ का मंत्र दिया.'


पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'आज विद्वान इस बात का आंकलन करते हैं कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहां होता, किस स्वरूप में होता! उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा, उन्होने ‘विश्वास से आत्मविश्वास’ का मंत्र दिया.'


हम जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं, और वहां जब लोग ‘हरे कृष्ण’ बोलकर मिलते हैं तो हमें कितना अपनापन लगता है, कितना गौरव भी होता है. कल्पना करिए, यही अपनापन जब हमें मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स के लिए मिलेगा, तो हमें कैसा लगेगा.


'भारत ने मानवता को काफी कुछ दिया'


उन्होंने कहा, 'मानवता के हित में भारत दुनिया को कितना कुछ दे सकता है, आज इसका एक बड़ा उदाहरण है विश्व भर में फैला हुआ हमारा योग का ज्ञान और योग की परंपरा. भारत की जो sustainable lifestyle है, आयुर्वेद जैसे जो विज्ञान हैं, हमारा संकल्प है कि इसका लाभ पूरी दुनिया को मिले.'


पीएम ने कहा, 'अमृत महोत्सव में भारत ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ये मंत्र के साथ ऐसे ही संकल्पों के साथ अपनी आगे की यात्रा का आधार बनाया है. हमारे इन संकल्पों के केंद्र में, हमारे इन लक्ष्यों के मूल में भी वैश्विक कल्याण की ही भावना है.'


वीडियो