नई दिल्लीः कोरोना संकट (Corona crisis) के बावजूद केंद्र सरकार देश के सभी क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. आपदा से अवसर, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया के जरिए देश को पहले जैसी रफ्तार देने की कोशिश लगातार जारी है. इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज झांसी  (Jhansi) स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (Central Agricultural University) के कॉलेज व प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने कॉलेज बिल्डिंग का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया है.


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'मेरी झांसी, आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी'
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के नए शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन के लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.


उन्होंने कहा, 'रानी लक्ष्मी बाई ने कभी बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी. आज बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है कि मेरी झांसी, आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी. हम पूरी ताकत लगा देंगे.'


गांव के पास ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर 
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है. इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है.'


उन्होंने कहा, 'कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है. जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार होंगे.'


उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है. ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है. ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है.'


तीन और राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और  मोतीहारी में Mahatma Gandhi Institute for Integrated Farming की स्थापना की जा रही है. ये छात्र-छात्राओं को नए मौके देने के साथ स्थानीय किसानों तक तकनीक का ज्ञान पहुंचाने और उनकी क्षमता बढ़ाने का काम करेंगे.आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है. इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है.



बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का यह उद्घाटन काफी लंबे समय से टल रहा था. कई बार इसकी तारीख घोषित होते-होते रह गई थी. पीएम मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी थी कि वह आज सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की कॉलेज बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे.


यूनिवर्सिटी के जरिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और कृषि के साथ-साथ किसान कल्याण में अत्याधुनिक शोध में सहयोग मिलेगा. विश्वविद्यालय ने 2014-15 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया और कृषि, बागवानी और वानिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चला रहा है.


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