PM Modi write letter to Afghan Sikh Community: अफगानिस्तान के काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में मारे गए सविंदर सिंह का 'अंतिम अरदास' दिल्ली के तिलक नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु अर्जन देव जी में आयोजित किया गया. इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मृतक के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का एक पत्र भी पढ़ा.


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पीएम मोदी ने सविंदर सिंह के परिवार को लिखा पत्र


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लिखा, 'अफगान सिख समुदाय के प्रिय सदस्यों, 18 जून 2022 को काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पिता साहब श्री गोबिंद सिंह साहब जी पर हुए बर्बर हमले के खिलाफ आपके साहस और लचीलेपन की भावना को सैल्यूट करता हूं. धार्मिक स्थल पर आतंकवादी हमला और निर्दोष नागरिक को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ एक घिनौना कृत्य है.'


पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'मैं आतंकी हमले के पीड़ितों, स्वर्गीय सविंदर सिंह और गुरुद्वारा कर्मचारी अहमद मोरादी (अफगान नागरिक) के लिए प्रार्थना करता हूं. मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं समुदाय के तीन सदस्यों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी प्रार्थना करता हूं, जो आतंकवादी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.' पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'मैं दुख और दर्द के इस कठिन क्षण में अफगान हिंदू-सिख समुदाय के साथ भारत की एकजुटता व्यक्त करना चाहता हूं.'



पत्नी ने कहा- बच सकती थी सविंदर सिंह की जान


काबुल के गुरुद्वारा में शनिवार को हुए हमले में मारे सविंदर सिंह की पत्नी पल कौर ने कहा कि उनके पति वीजा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे और यदि समय पर वीजा मिल गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. सविंदर सिंह काबुल में पान की दुकान चलाते थे और गुरुद्वारे में रहते थे. उन्होंने ई-वीजा के लिए आवेदन किया था जो रविवार को मंजूर हो गया था.


सविंदर सिंह पर चलाई गई थीं कई गोलियां: परिवार


सविंदर सिंह के परिवार के एक सदस्य ने दिल्ली में बताया कि जिस वक्त उन पर हमला किया गया, वह स्नान कर रहे थे और उन पर कई गोलियां चलाई गईं. गुरुद्वारे में कई विस्फोट हुए, जिनमें एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, अफगानिस्तान के सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक भरे एक वाहन को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोककर एक बड़ी घटना को टाल दिया. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है और इसे पैगंबर मोहम्मद के 'समर्थन में किया हमला' बताया है.


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