अहमदाबाद: पुलवामा हमले के बाद सरकार के फैसले के बारे में बोलते हुए बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद हर कोई यह सोच रहा था कि इस बार सर्जिकल स्‍ट्राइक तो हो नहीं सकती तो क्‍या होगा? इस बार मोदी सरकार ने हमले के 13वें दिन एयर स्‍ट्राइक का फैसला लिया और 250 से ज्‍यादा आतंकियों को मार गिराया. पिछले पांच सालों में उरी और पुलवामा में हमला होता हुआ. उरी में हमले के बाद थल सेना ने पाक में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया. पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक किया...250 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया. उन्‍होंने एक जवान पकड़ा फिर 48 घंटे में छोड़ दिया.


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विपक्ष पर साधा निशाना
इससे पहले सूरत में भाजपा प्रमुख अमित शाह ने सशस्त्र बलों के साहस पर ‘शक’ करने और भारतीय वायु सेना के हवाई हमले का सबूत मांगने पर रविवार को विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा और कहा कि उनके ऐसे बयान पाकिस्तान के चेहरे पर ‘मुकुराहट’ लाते हैं. शाह ने कहा कि अगर ये पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले के जरिए हासिल की गई उपलब्धि की प्रशंसा नहीं कर सकतीं तो उन्हें ‘चुप रहना’ चाहिए.


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प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए, शाह ने दावा किया कि मोदी ने अपना नियमित कार्य जारी रखा और इस दौरान वह 14 फरवरी को पुलवामा हमले के गुनाहगारों को सजा देने के बारे में भी योजना तैयार करते रहे. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मियों की मौत हो गई थी.


उन्होंने दावा किया कि मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले का आदेश देकर देश को समझाया कि आतंक को ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करने का मतलब क्या होता है. शाह ने कहा, ‘‘विपक्षी नेता यह नहीं जानते हैं कि क्या हुआ. ममता दी ने सबूत मांगा है. राहुल बाबा कह रहे हैं कि इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है. अखिलेश ने जांच की मांग की है. शर्म आनी चाहिए कि आपके बयान पाकिस्तान के चेहरे पर मुस्कुराहट लाए है.’’



भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि, ‘‘पाकिस्तान विपक्षी नेताओं की प्रेस वार्ता के बाद मुस्कुराया जिसमें नेताओं ने सशस्त्र बलों के साहस पर सवाल उठाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम समझ सकते हैं कि आपमें मोदी जी जैसा साहस नहीं है, लेकिन अगर आप मोदी जी और सशस्त्र बलों द्वारा किये गए कार्य की प्रशंसा नहीं कर सकते तो कम से कम चुप ही रहिये. ’’


उन्होंने कहा, ‘‘ पुलवामा हमले के बाद, लोगों ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक संभव नहीं है, क्योंकि सेना (आतंकी ठिकानों को उड़ाने के लिए) नहीं जा सकती. मोदीजी, चुपचाप अपने नियमित कामकाज पर गए और फैसला किया और (जवाबी हमले की) योजना बनाई और हमारे वायु सेना के जवानों ने हवाई हमले में सैकड़ों आतंकियों को मारा और सुरक्षित वापस आए.’’


 



उन्होंने कहा कि आतंकी ठिकानों पर इन हमलों से भारत, अमेरिका और इज़राइल के बाद दुनिया का तीसरा देश बन गया जिसने अपने सशस्त्र बलों पर हमलों का बदला लिया. शाह ने कहा, ‘‘ अब दुनिया स्वीकार करती है कि भारत को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. पूरा विश्व मानता है कि कोई भी भारत की सीमा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. पूरा विश्व अब स्वीकार करता है कि भारतीय सैनिकों को छूना आसान नहीं है. उन्हें गोली का जवाब तोप से दिया जाएगा.’’


प्रधानमंत्री के मोध वणिक समुदाय की यहां एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी एक विनम्र पृष्ठभूमि से आते हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी जातिवाद में विश्वास नहीं रखते हैं, जबकि तथ्य यह है कि वह उसी समुदाय से आते हैं जिसने मेहनत और अच्छे व्यवहार के माध्यम से देश में अपनी उपस्थिति दर्ज की है. शाह ने कहा, ‘‘ मोदी जी जातिवाद में यकीन नहीं रखते हैं. वह जब से सार्वजनिक जीवन में आए हैं तब से उन्होंने राजनीति से जातिवाद के प्रदूषण से हटाने के लिए काम किया है. ’’


(इनपुट: एजेंसियां)