अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज (शनिवार को) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात हाई कोर्ट के डायमंड जुबली समारोह को संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस खास मौके पर एक डाक टिकट भी जारी किया.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के डायमंड जुबली (Gujarat High Court Diamond Jubilee) के अवसर पर सभी को बहुत-बहुत बधाई. गुजरात हाई कोर्ट ने सत्य और न्याय के लिए जिस निष्ठा से काम किया है, उसने भारतीय न्यायिक व्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत किया है.


न्यायपालिका संविधान की है प्राणवायु


पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है. हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है.


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भारत में सदियों से है 'रूल ऑफ लॉ'


उन्होंने आगे कहा कि भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है. हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि 'न्यायमूलं सुराज्यं स्यात' यानी सुराज्य की जड़ ही न्याय में है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास जगाया है. सच्चाई के लिए खड़े होने की उसे ताकत दी है. आजादी से अब तक देश की यात्रा में हम न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं तो बार के योगदान की भी चर्चा होती है. पिछले वर्षों में अपनी कानूनी समझ, अपनी विद्वत्ता और बौद्धिकता से गुजरात हाई कोर्ट और बार ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है.


ऐसा हो हमारा जस्टिस सिस्टम


पीएम मोदी ने कहा कि हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो. जहां हर व्यक्ति के लिए न्याय की गारंटी हो और समय से न्याय की गारंटी हो.


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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार भी इस दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. न्याय के जो आदर्श भारतीय संस्कारों का हिस्सा रहे हैं, वो न्याय हर भारतीय का अधिकार है. इसलिए न्यायपालिका और सरकार दोनों का ही दायित्व है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मिलकर वर्ल्ड क्लास जस्टिस सिस्टम खड़ा करें.


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