नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा होगा. पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति बहुत ही प्रासंगिक है और इस पर बहुत मंथन किया गया. लाखों लोगों ने सुझाव दिए. 


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उन्होंने आगे कहा, 'शिक्षा नीति देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का बहुत महत्वपूर्ण माध्यम होती है. इससे सभी जुड़े होते हैं. शिक्षा नीति में सरकार का दखल और प्रभाव कम से कम होना चाहिए. शिक्षा नीति से शिक्षक ,अभिभावक छात्र जितना जुड़े होंगे, उतना ही यह प्रासंगिक होगी. 5 साल से देशभर के लोगों ने अपने सुझाव दिए. ड्राफ्ट पर 2 लाख से अधिक लोगों ने अपने सुझाव दिए थे. सभी ने इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है. व्यापक विविधताओं के मंथन से अमृत निकला है, इसलिए हर तरफ इसका स्वागत हो रहा है 
सबको ये अपनी शिक्षा नीति लग रही है.'  


पीएम मोदी ने कहा, 'शिक्षा नीति क्या हो, कैसी हो, उसका मूल क्या हो, इस तरफ देश एक कदम आगे बढ़ा है. शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए. गांव में कोई शिक्षक हो या फिर बड़े-बड़े शिक्षाविद, सबको राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा शिक्षा नीति लग रही है. सभी के मन में एक भावना है कि पहले की शिक्षा नीति में यही सुधार तो मैं होते हुए देखना चाहता था. ये एक बहुत बड़ी वजह है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकारता की. आज दुनिया भविष्य में तेजी से बदलते जॉब, कार्य की प्रकति को लेकर चर्चा कर रही है. ये पॉलिसी देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक ज्ञान और कौशल दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी.' 


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