Ind-Pak Relation: पीएम मोदी और शहबाज शरीफ के बीच ताशकंद में होगी मुलाकात?
PM Modi to meet Pak Prime Minister: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हाल के दिनों में पटरी से उतर चुके हैं. भारत ने लगातार आतंकवाद मुक्त रीजन पर जोर दिया है लेकिन पाकिस्तान कश्मीर का राग गाता आया है. लेकिन इस संभावित मुलाकात से रिश्तों में सुधार की उम्मीद है.
PM Modi and Pak PM Shehbaz Sharif Meeting: पाकिस्तान में बड़ी सियासी उठापटक के बाद शहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने हैं और उन्होंने पड़ोसी मुल्क भारत के साथ रिश्तों में सुधार को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री बनने पर शहबाज को बधाई दी थी, जिसके बाद सीमा पार से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार लाने का संदेश आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द दोनों देशों के प्रधानमंत्री मुलाकात भी कर सकते हैं.
ताशकंद में मिलेंगे दोनों नेता?
हमारी सहयोगी वेबसाइट Wion के मुताबिक बैक चैनल से दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है और उज्बेकिस्तान के ताशकंद में SCO समिट के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक 17 जुलाई को पीएम मोदी और शहबाज शरीफ इस बैठक में हिस्सा लेने ताशकंद पहुंच सकते हैं. अगर ये बैठक सफल रहती है तो पीएम मोदी पाकिस्तान के कटास राज मंदिर भी जा सकते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इस दौरान इस्लामाबाद में पीएम मोदी की अगवानी कर सकते हैं. दोनों नेताओं की मुलाकात सीमा पर माहौल और पाकिस्तान की सेना में स्थिरता पर भी निर्भर करेगी. पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने जा रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आर्मी चीफ बाजवा को पद से हटाना चाहते थे.
अचानक लाहौर पहुंचे थे PM मोदी
साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक लाहौर की यात्रा कर सभी को चौंका दिया था. तब वह तत्कालीन पीएम और शहबाज शरीफ के भाई नवाज शरीफ के न्योते पर पाकिस्तान पहुंचे थे. इससे पहले 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने नवाज शरीफ भारत आए थे. लेकिन दो साल बाद 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले और 2019 के उरी अटैक के बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ते चले गए.
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दोनों ही मुल्कों ने अपने उच्चायुक्तों को भी वापस बुला लिया था और भारत ने तब सीमित स्टाफ के साथ पाकिस्तान स्थित दूतावास का कामकाज चलाया था. सूत्रों का कहना है कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली संभावित मुलाकात द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने की दिशा में पहला कदम हो सकता है.
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