PM मोदी ने कृषि जगत को दिया बड़ा तोहफा, देश को समर्पित की 35 फसलों की खास किस्में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज देश के कृषि जगत को बड़ा तोहफा दिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने 35 नई फसलों की वैरायटी देश को समर्पित की है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के कृषि जगत को बड़ा तोहफा दिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने 35 नई फसलों की वैरायटी देश को समर्पित की है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जिस फसल की जुताई जितनी गहरी होगी, उस फसल की पैदावार उतनी ही बढ़िया होगी. इसी के साथ पीएम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण भी किया.
35 नई फसलों की वैरायटी
पीएम मोदी ने इस महत्वपूर्ण कृषि कार्यक्रम की जानकारी अपने सोशल मीडिया एकाउंट से भी साझा की थी. वहीं अपने वर्चुअल संवाद में पीएम ने बताया कि इन नई फसलों की वैरायटी को ICAR ने काफी रिसर्च के बाद तैयार किया है. इन नई फसलों के जरिए जलवायु परिवर्तन और कुपोषण के प्रभाव को कम किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक अरहर की पैदावार बढ़ाने के लिए इस सिलसिले में काम हुआ. वहीं जल्दी पकने वाले चावल की नई फसल भी इसमें शामिल है. बाजरा, मक्का, कुट्टू जैसी फसलों की अलग वैरायटी इन 35 नई फसलों की लिस्ट में मौजूद है.
पीएम का संबोधन
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि फसलों की नई किस्म में पौष्टिक तत्व ज्यादा है. किसानों की जरूरतों को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण का काम जारी है. पीएम ने ये भी कहा कि सभी किसानों की राह आसान करना हमारा लक्ष्य है. पीएम के संबोधन में कहा गया कि 35 नई फसलों से किसानों की स्थिति में सुधार आएगा.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा नई फसलों की वैरायटी मौसम की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. पीएम मोदी ने इस दौरान कृषि सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि इस राशि से छोटे किसानों को बहुत फायदा पहुंचा है.
क्या है इन फसलों की खासियत?
बताया जा रहा है कि पीएम कई तरह की फसलों की सौगात देश को देने जा रहे हैं. इस लिस्ट में चने की ऐसी फसल भी रहने वाली है जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है. इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला चावल भी तैयार किया गया है. इसके अलावा बाजरा, मक्का, बकवीट जैसी फसलों की अलग वैरायटी भी देश को मिलने जा रही है.
फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित की हैं. इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटना है. इस अखिल भारतीय कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थान, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने की छत्तीसगढ़ की सराहना
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर का लोकार्पण करते हुए उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से फसलों को बचाने तथा लाभकारी खेती के लिए छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत गांव में निर्मित गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और उससे जैविक खाद के साथ-साथ अब बिजली उत्पादन की राज्य सरकार की योजना को भी सराहा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय हमें किसानों को फसल आधारित लाभ से बाहर निकालकर वेल्यू एडिशन की ओर ले जाने की जरूरत है. उन्होंने मौसम की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप फसल उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. छत्तीसगढ़ राज्य में लघु धान्य फसलों (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन मिलेट को उन्होंने समय की जरूरत कहा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण एवं स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती-किसानी को समृद्ध बनाने की पहल की गई है. राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी कर उससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गोबर से बिजली उत्पादन की शुरुआत 2 अक्टूबर से करने जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रायपुर के बरौंडा में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट संस्थान और विशेष गुणों वाली 35 किस्मों की फसले राष्ट्र को समर्पित की हैं, इसके लिए एक किसान होने के नाते मैं छत्तीसगढ़ के सभी किसानों की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.
मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में कृषि उत्पादों और लघु वनोपजों के वेल्यू एडिशन एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरगुजा जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम बांसाझाल में 15 स्व-सहायता समूह की महिलाएं जीराफूल धान का जैविक उत्पादन कर मिलिंग कर रही हैं. इससे उन्हें बेहतर बाजार और कीमत मिल रही है.