नई दिल्ली: बीजेपी के विधायक संगीत सोम की ओर से दिए गए बयान के बाद ताजमहल को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमें अपने देश की धरोहरों पर गर्व करना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा, 'अपने देश की धरोहरों पर गर्व किए बिना आगे बढ़ नहीं सकता.' अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कही गई इस बात तो संगीत सोम के बयान पर मचे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि ताजमहल को ऐतिहासिक धरोहर बताया था. यूपी के सरधना सीट से बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने कहा था कि ताजमहल को देश के गद्दारों ने कराया था. हालांकि एक दिन बाद संगीत सोम ने कहा था कि वे ताजमहल के खिलाफ नहीं हैं, उनका विरोध इसे बनाने वालों से है.


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योगी बोले भारतीय मजदूरों के पसीने से बना ताजमहल
मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हमें इसके तह में जाने की जरूरत नहीं है, कि ताजमहल क्यों बना, किसने बनाया, किस उद्देश्य के लिए बनाया, महत्पूर्ण ये है कि ताजमहल भारत के मजदूरों की खून-पसीने की कमाई से बना हुआ है. वह अपनी वास्तु के लिए जग विख्यात है. वह एक पुरातात्विक इमारत है. उसका संरक्षण, संवर्धन, पर्यटन की दृष्टि से उसको बढ़ावा देने और वहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है. हम लोग उसका निर्वहन करेंगे.'


सीएम योगी ने कहा, 'मैं 26 अक्टूबर को खुद आगरा जा रहा हूं. हमने 370 करोड़ की कार्य योजना का निर्माण किया है. ताजमहल का निर्माण लकड़ी की बड़ी-बड़ी स्लीपर से हुआ है. जब यमुना जी अविरल थीं तो उस स्लीपर में निरंतर जल का संचार होता था. इस कारण मजबूत नींव पर वह इमारत टिकी हुई थी. अब यमुना जी की अविरलता में कमी के चलते स्लीपर में सिकुड़न आ गया है. तो वहां रबड़ डैम बनाने, एक रिवर फ्रंट का निर्माण करने और फोर्ट और ताजमहल के बीच एक रास्ते के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार की है.'


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ताजमहल-लाल किला भारतीय संस्कृति की पहचान नहीं
बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि आगरा का ताजमहल और दिल्ली का लाल किला भारत की ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के बेमिसाल नमूने हैं, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां की बनाई दोनों इमारतों को देश की संस्कृति की पहचान नहीं माना जा सकता. विजयवर्गीय ने कहा, 'हम ताजमहल की खूबसूरती और इसकी स्थापत्य कला का सम्मान करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं मानते कि ताजमहल देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति है. इसी तरह हम लाल किले को भी देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति नहीं मानते'.


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उन्होंने कहा, 'ये इमारतें हमारी ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के शानदार नमूने जरूर हैं'. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर उच्चतम न्यायालय के लगाए प्रतिबंध से जुड़े सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा, 'हमारे देश में न्यायपालिका स्वतंत्र है और वह किसी भी मामले में दखल दे सकती है, लेकिन मेरा निजी मत है कि न्यायपालिका को कम से कम तीज-त्योहारों को लेकर जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए'