रूस में व्लादिमीर पुतिन की बड़ी जीत, पीएम मोदी ने दी बधाई
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन करके पुतिन को बधाई दी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में राष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से फिर जीत दर्ज करने पर व्लादिमिर पुतिन को बधाई दी और उम्मीद जतायी कि पुतिन के नेतृत्व में भारत तथा रूस के बीच विशेष एवं सामरिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन करके पुतिन को बधाई दी . प्रधानमंत्री ने पुतिन के सफलता की कामना की और कहा कि वह इस साल होनेवाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने को आशान्वित हैं.
मोदी ने उम्मीद जतायी कि पुतिन के नेतृत्व में भारत तथा रूस के बीच विशेष एवं सामरिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे. मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने फोन करके बधाई देने के लिये प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने भारत और रूस के संबंधों के सभी आयामों को आगे मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की .
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रूसी राष्ट्रपति ने भारत और भारत के लोगों की प्रगति की शुभेच्छा व्यक्त की. उल्लेखनीय है कि रूस में राष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद व्लादिमिर पुतिन का फिर से छह साल के लिए सत्ता में काबिज रहना तय हो गया. करीब दो दशक से रूस पर शासन कर रहे पुतिन ने 76.67 प्रतिशत मतों के साथ अब तक का सबसे शानदार चुनावी प्रदर्शन किया है.
रूस में व्लादिमीर पुतिन की बड़ी जीत
दुनिया के सबसे बड़े देश रूस की कमान एक बार फिर व्लादिमीर पुतिन के हाथ में आ गई है. 65 वर्षीय पुतिन का बतौर रूसी राष्ट्रपति यह चौथा कार्यकाल होगा. वह 2024 तक सत्ता पर काबिज रहेंगे. शुरुआती नतीजों की घोषणा होने के बाद मॉस्को में लोगों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस के मतदाताओं ने पिछले कुछ सालों के कामों पर अपनी मुहर लगाई है. इससे पहले 2012 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले उनके वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी हुई है. उस चुनाव में उन्हें 64 फीसदी वोट मिले थे.
प्रतिद्वंद्वी को मिले 13 फीसदी वोट
रूसी राष्ट्रपति बनने की दौड़ में पुतिन को टक्क्र देने के लिए चुनावी मैदान में कम्युनिस्ट पार्टी के पावेल ग्रुदिनिन थे. लेकिन उन्हें 13 फीसदी ही वोट मिले. उनके अलावा नेशनलिस्ट पार्टी के व्लादिमीर जिरिनोवस्की चुनावी मैदान में थे. उन्हें महज 6 फीसदी ही वोट मिले. पुतिन के खिलाफ मैदान में कुल सात उम्मीदवार थे. लेकिन कोई पुतिन को टक्कर नहीं दे पाया. वहीं मुख्य विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी को चुनाव से प्रतिबंधित कर दिया गया था. सेनिया सोबचाक को 2 फीसदी वोट मिले.
इनपुट भाषा से भी