अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए भूमिपूजन कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के प्रांगण में पारिजात का पौधा लगाया. आइए, जानते हैं कि क्या है इस पौधे का महत्व...


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कहा जाता है कि पारिजात वृक्ष को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में लगाया था. इसके फूल सफेद रंग के और छोटे होते हैं. ये फूल रात में खिलते हैं और सुबह पेड़ से स्वत: ही झड़ जाते हैं. यह फूल पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प है. 


इस वृक्ष को लेकर कई हिन्दू मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी को पारिजात के फूल अत्यंत प्रिय हैं. पूजा-पाठ के दौरान मां लक्ष्मी को ये फूल चढ़ाने से वो प्रसन्न होती हैं. खास बात ये है कि पूजा-पाठ में पारिजात के वे ही फूल इस्तेमाल किए जाते हैं जो वृक्ष से टूटकर गिर जाते हैं.


पारिजात के बारे में कहा जाता है कि इसे कान्हा स्वर्ग से धरती पर लाए और गुजरात (Gujarat) राज्य के द्वारका (Dwarka) में लगाया था. इसके बाद अर्जुन द्वारका से पूरा का पूरा पारिजात वृक्ष ही उठा लाए. यह वृक्ष 10 से 30 फीट तक की ऊंचाई वाला होता है. खासतौर से हिमालय (Himalaya) की तराई में पारिजात ज्यादा संख्या में मिलते हैं. इसके फूल, पत्तों और तने की छाल का इस्तेमाल औषधि निर्माण में होता है.