नई दिल्ली: रफाल (Rafale) विमानों की हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग हो गई है. लैंडिंग को देखते हुए अंबाला एयरबेस पर पुलिस ने सैन्य अड्डे के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है. भारतीय वायुसीमा में पांचों रफाल विमानों के घुसते ही युद्धपोत INS कोलकाता ने स्वागत करते हुए कहा- ये गर्व की उड़ान है, हैप्पी लैंडिंग.


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वहीं 5 रफाल विमानों की ऐतिहासिक लैंडिग पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट किया.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के रूप में पांच विमानों का बेड़ा फ्रांस से बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर उनका स्वागत किया.


पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट किया, 'राष्‍ट्र रक्षा के समान कोई पुण्‍य नहीं, राष्‍ट्र रक्षा जैसा कोई व्रत नहीं, राष्‍ट्र रक्षा से बड़ा कोई यज्ञ नहीं.'


मोदी ने ट्वीट के साथ अंबाला वायुसेना स्टेशन पर रफाल विमानों के उतरने का वीडियो भी साझा किया है.



शक्तिशाली लड़ाकू विमानों के स्वागत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लिखा, 'इन बर्ड्स (रफाल विमानों की) सुरक्षित तरीके से अंबाला में लैंडिंग हो गई है.'


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वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ​ट्वीट कर कहा, 'चाहे गति की बात हो या फिर हथियारों की क्षमता की, रफाल हर बात में आगे है. मुझे भरोसा है कि ये वर्ल्ड क्लास फाइटर जेट्स गेम चेंजर साबि​त होंगे. पीएम मोदी जी, रक्षा मंत्री राज​नाथ सिंह जी, भारतीय वायु सेना और पूरे देश को इस महत्वपूर्ण दिन की बधाई.'



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इससे पहले, रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच रफाल लड़ाकू विमानों का बेड़ा अंबाला एयर बेस पहुंच गया. इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी.


निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन रफाल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थित अंबाला वायु सेना अड्डे पर उतरे.


रफाल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए.


राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. 


बता दें कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था.


दसाल्ट एविएशन के साथ आपात स्थिति में रफाल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की कम होती युद्धक क्षमता में सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमान हैं जबकि वायुसेना के स्क्वाड्रन में इनकी स्वीकृत संख्या के अनुसार, कम से कम 42 लड़ाकू विमान होने चाहिए.


अंबाला पहुंचे पांच रफाल विमानों में से तीन विमान एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं. इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जो ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से प्रसिद्ध है.


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