इस पावन अवसर पर यहां सिर्फ 200 लोगों की ही उपस्थिति रहेगी. 200 लोगों के नामों की लिस्ट बनाने में विहिप, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राम मंदिर उच्चाधिकार समिति के प्रमुख सदस्य और टॉप प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है.
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नई दिल्ली: राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण शुरू होने के अवसर पर सभी की इच्छा होगी कि वो उस समय अयोध्या (Ayodhya) में रहें. खासकर धर्माधिकारियों और आंदोलन से जुड़े लोगों की. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों 5 अगस्त को होने जा रहे मंदिर के शिलान्यास के इस पावन अवसर पर ज्यादा लोगों के इकट्ठा होन से कोरोना संक्रमण का खतरा तो होगा ही साथ ही सुरक्षा कारणों से भी यहां ज्यादा लोगों का इकट्ठा होना ठीक नहीं होगा. ऐसे में राम मंदिर के शिलान्यास के ऐतिहासिक मौके पर अयोध्या पहुंचने की सभी की इच्छाएं पूरी नहीं हो पाएंगी.
सूत्रों के मुताबिक इस पावन अवसर पर यहां सिर्फ 200 लोगों की ही उपस्थिति रहेगी. 200 लोगों के नामों की लिस्ट बनाने में विहिप, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राम मंदिर उच्चाधिकार समिति के प्रमुख सदस्य और टॉप प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है.
सूत्रों के अनुसार एक दो-दिन में टेलीफोन या पत्र द्वारा सभी आगंतुकों को सूचित कर दिया जाएगा. इन मेहमानों के निर्धारण में जिन लोगों की भूमिका है, उन्हें सबसे ज्यादा धर्मगुरुओं का दबाव सहना पड़ रहा है.
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वैसे जिन प्रमुख लोगों ने राम मंदिर आंदोलन चलाया सियासी और धार्मिक तौर पर, उनमें से कई आज इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन जो जीवित हैं, उनको बुलाने का प्रयास हो रहा है.
भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए इन लोगों को भेजा जा सकता है न्योता
- लाल कृष्ण आडवाणी
- मुरली मनोहर जोशी
- उमा भारती
- विनय कटियार
- साध्वी ऋतंभरा
- कल्याण सिंह
- जय भान सिंह पवैया
कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रह सकते हैं. इनके अलावा 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी रह सकते हैं. इस ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य
- महेंद्र नृत्य गोपाल दास
- स्वामी गोविंद देव गिरी जी
- चंपत राय
- नृपेंद्र मिश्रा
- के परासरण
- स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती
- स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ जी महाराज
- युग पुरुष परमानंद गिरी
- विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
- अनिल मिश्रा
- कामेश्वर चौपाल
- महंत दिनेंद्र दास जी
- ज्ञानेश कुमार, गृह मंत्रालय, अधिकारी
- अवनीश अवस्थी, यूपी सरकार, अधिकारी
- अनुज झा, जिलाधिकारी, अयोध्या
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विश्व हिंदू परिषद ने सालों से राम मंदिर आंदोलन चलाया है. ऐसे में विहिप का मौजूदा नेतृत्व कार्यक्रम में मौजूद रह सकता है.
- आलोक कुमार, कार्याध्यक्ष, विहिप
- सदाशिव कोकजे, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, विहिप
- दिनेश चंद्र, मुख्य संरक्षक, विहिप
- प्रकाश शर्मा, पूर्व बजरंग दल अध्यक्ष
- मिलिंद परांडे, महामंत्री, विहिप
राम मंदिर निर्माण होना संघ का सपना रहा है. अब जब ये सपना पूरा हो रहा है तो माना जा रहा है कि इस शुभ अवसर पर संघ के भी बड़े नेताओं को भी अयोध्या आने का न्योता भेजा जा सकता है. कहा जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या जा सकते हैं. उनके अलावा संघ के एक-दो और वरिष्ठ अधिकारी की भी मौजूदगी हो सकती है.
सूत्रों का कहना है कि इनके अलावा विश्व हिन्दू परिषद के 'उच्चाधिकार समिति' के 40 से 50 सदस्यों में से अधिकतर को बुलाया जा सकता है. जिनमें राम विलास वेदांती और जितेंद्रानंद सरस्वती का नाम सामने आ रहा है.
पीएम मोदी द्वारा शुभ मुहूर्त पर निर्माण कार्य शुरू करने के अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो रहेंगे ही. साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के भी रहने कि संभावना है. सूत्रों के अनुसार आंदोलन से जुड़े अयोध्या और अन्य जगहों के कुछ बड़े धर्म गुरु भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं.
इसके अलावा राम मंदिर निर्माण को लेकर अदालतों में बहस करने वाले कुछ प्रमुख वकीलों को भी कार्यक्रम में आने का न्योता दिया जा सकता है.
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