Lal Qila से PM Modi ने चीन-पाकिस्तान को दिया सख्त संदेश, बोले- भारत को सपने पूरा करने से कोई बाधा रोक नहीं सकती
75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) पर लाल किला (Lal Qila) की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने चीन-पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को अपने सपनों को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने विस्तारवाद की नीति के लिए चीन (China) और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान (Pakistan) को आड़े हाथों लेते हुए रविवार को कहा कि भारत दोनों चुनौतियों का सधे हुए तरीके से करारा जवाब दे रहा है. देश के 75वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर लाल किला (Red Fort) की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही.
भारत के सपने हर हाल में पूरे होंगे
करीब 1 घंटा 27 मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने सैन्य बलों को और मजबूत बनाने का संकल्प दोहराया. साथ ही वर्ष 2016 के सर्जिकल स्टाइक (Surgical Strike) और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) का उल्लेख करते हुए कहा कि, 'यह देश के शत्रुओं का स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी रक्षा में कठोर फैसले भी ले सकता है.' उन्होंने कहा कि कोई बाधा 21वीं सदी के भारत के सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकती.
'दुनिया भारत को नई दृष्टि से देख रही है'
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा, 'आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है. इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं. एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद. भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़ी हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है.' प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भारत सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का लगातार मुकाबला कर रहा है. जबकि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा को लेकर गतिरोध बना हुआ है.
पिछले साल से जारी है सीमा पर गतिरोध
गौरतलब है कि पिछले साल 5 मई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा पर गतिरोध की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद पैंगोग झील (Pangog Lake) इलाके में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. बाद में कई दौर की वार्ता के बाद दोनों देशों के सैनिक कई जगहों से पीछे हटे. पूर्वी लद्दाख के गोगरा में करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, और जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि के समान बहाल कर दिया है.
अगस्त में पीछे हटीं दोनों देशों की सेनाएं
थल सेना ने पिछले दिनों इस घटनाक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि, 'सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया 4 और 5 अगस्त को की गई. दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थायी ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को गिरा दिया गया है. परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है. गोगरा में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों द्वारा पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों के इलाकों में इसी तरह का कार्य किये जाने के 5 महीने बाद की गई है, जहां उन्होंने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों और हथियारों को हटाया था.'
'नए भारत का उदय हो चुका है, अब...'
प्रधानमंत्री ने पड़ोसी मुल्कों का एक सख्त संदेश में कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक्स कर देश ने शत्रुओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि नए भारत का उदय हो चुका है और जरूरी होने पर वह कठोर फैसले भी ले सकता है.’ उल्लेखनीय है कि भारत ने वर्ष 2016 के सितंबर महीने में उरी (URI) में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक किए थे. इसके बाद फरवरी 2019 को भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बम बरसाए थे. इस संगठन ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हुए थे.
मेड-इन-इंडिया पर हमारा फोकस
होम डिफेंस प्रोडक्ट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, 'भारत आज अपना लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और गगनयान भी बना रहा है. यह स्वदेशी उत्पादन में भारत के सामर्थ्य को उजागर करता है. आप लोगों ने कुछ दिन पहले देखा होगा कि भारत ने अपने पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक (Aircraft Carrier) पोत विक्रांत (Vikrant) का समुद्र में परीक्षण आरंभ किया. इस विमानवाहक जहाज को, इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद, अगले साल अगस्त तक भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है. इसे करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है.
'हमारी ताकत हमारी एकजुटता है'
यह विमानवाहक जहाज करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने निर्मित किया है. इस प्रकार के विमानवाहक जहाज अमेरिका, रुस और चीन जैसे ही कुछ देशों के पास हैं. उन्होंने कहा, '21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है. हमारी प्राण शक्ति, राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम की भावना है.
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