नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 मार्च को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल :सीआईएसएफ: के 50वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेंगे और जवानों को संबोधित करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सीआईएसएफ के 5वें बटालियन कैम्प में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें प्रधानमंत्री इससे पहले भारत तिब्बत पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल के सैनिकों से मिल चुके हैं. सीआएसएफ के 50वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर से आयोजन स्थल पर पहुंचेंगे. जहां वह सबसे पहले कैम्प के परिसर में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और सीआईएसएफ के सलामी गारद का निरीक्षण करेंगे.


तमिलनाडु के मंत्री बोले, 'मोदी, हमारे पिता हैं, भारत के पिता हैं'


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां सीआईएसएफ कर्मियों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. अधिकारियों ने बताया कि बल अपना 50वां स्थापना दिवस मना रहा है और यह विशेष अवसर है और इसलिये प्रधानमंत्री ने इसमें शामिल होने की स्वीकृति दे दी है. बता दें कि इससे पहले 9 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रेटर नोएडा के दौरे पर थे. पाकिस्तान के बालाकोट में भारत के हवाई हमले का सबूत मांगने वालों पर शनिवार को एक बार फिर निशाना साधा था और मुम्बई हमले के बाद आतंकवादी हमले की घटनाओं से निपटने के तरीके को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की आलोचना की थी.


पीएम मोदी ने ग्रेटर नोएडा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वोट हासिल करने के लिए भ्रष्ट उनका विरोध कर रहे हैं और उन्हें कोस रहे हैं. 2014 में प्रधानमंत्री बनने वाले मोदी ने कहा कि भारत आज 'नई रीति, नयी नीति' पर काम करता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उरी (जम्मू कश्मीर) में 2016 में आतंकवादी हमले के बाद देश ने पहली बार ''आतंकवादियों को सर्जिकल स्ट्राइक से उस भाषा में सबक सिखाया जो वे समझते हैं.'' 


सूखे से परेशान कर्नाटक सरकार, PM मोदी से मिले कुमारस्वामी, राहत सहायता मांगी


उन्होंने वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोगों से सवाल किया, ''क्या आपके लिए ऐसी सरकार ठीक है जो कुछ ना करे? एक ऐसा चौकीदार (पूर्व प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए) जो सोता हो?'' पीएम मोदी ने कहा था, ‘‘उरी के बाद सबूत मांगे गए. हमारे सैनिकों ने कुछ ऐसा किया जो पहले कभी नहीं हुआ. हमारे सैनिकों ने आतंकवादियों को उनके घर में मारा. आतंकवादी और उनके सरपरस्तों को ऐसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने सोचा कि यदि भारत ने एक बार सर्जिकल स्ट्राइक की तो वे दोबारा उसी तरह का कुछ करेंगे. इसलिए उन्होंने सीमा पर सैनिक तैनात किये थे, लेकिन हम इस बार हवाई मार्ग से गए.’’