PMEGP: इस प्रदेश में साकार हो रहा PM मोदी का सपना, अब मांगने के बजाय नौकरी दे रहे युवा
PMEGP: एमएसएमई (MSME) के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में PMEGP के तहत देश में सबसे ज्यादा उद्योग लगे हैं. केंद्र सरकार पीएमईजीपी के तहत नया उद्योग लगाने पर 35% सब्सिडी देती है.
लखनऊ: देश में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था नंबर एक बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की पहल रंग ला रही है. अब प्रदेश के युवा नौकरी खोजने के बजाय, नौकरी देने वाले भी बन रहे हैं. उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत देश में सबसे ज्यादा निवेश और रोजगार उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बना है. उत्तर प्रदेश ने ये उपलब्धि वैश्विक कोरोना महामारी और प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों के बावजूद दर्ज की गई है.
इस तरह बदली यूपी की दशा और दिशा
सीएम योगी ने पिछले पांच साल में बीमारू राज्य के रूप में गिने जाने वाले प्रदेश की दशा और दिशा बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है. प्रदेश में विभिन्न विभागों की 21 से ज्यादा नई नीतियां लागू की गई हैं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 14वें से दूसरे पायदान पर पहुंचा है. इसी का नतीजा है कि पिछली कई सरकारों की तुलना में प्रदेश में पहली बार चार लाख 68 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आए हैं, जिसमें से साढ़े तीन करोड़ से अधिक के प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं.
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PMEGP के तहत यूपी में सबसे ज्यादा उद्योग लगे
एमएसएमई (MSME) के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में PMEGP के तहत देश में सबसे ज्यादा उद्योग लगे हैं. इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 110 % की बढ़ोतरी हुई है. पिछले एक साल में 1464 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश से 11,107 इकाईयां स्थापित हुई हैं और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 96 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.
PMEGP में राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों ने 91 फीसदी उपलब्धि दर्ज की है, राष्ट्रीय स्तर पर 2867 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 2603 करोड़ रुपए की ही पूर्ति हुई है. जबकि प्रदेश में 110 फीसदी की उपलब्धि दर्ज की गई है. प्रदेश में उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड ने 110 करोड़ के सापेक्ष 148 करोड़, जिला उद्योग केंद्र 146 करोड़ के सापेक्ष 165 करोड़, खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 77 करोड़ के सापेक्ष 51 करोड़ रुपए की उपलब्धि दर्ज की है.
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इस तरह मिलती है सब्सिडी
उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला उद्योग केंद्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने मिलकर इकाईयों को करीब 366 करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में दिए हैं, जबकि लक्ष्य 334 करोड़ रुपए ही निर्धारित था. केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को पीएमईजीपी में दिए गए लक्ष्य की पूर्ति न कर पाने वाले राज्यों के जो पैसे बचे, उसे प्रदेश सरकार ने यूपी में उपयोग किया है. दूसरे राज्यों के पैसों से प्रदेश में लक्ष्य से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है.
केंद्र सरकार PMEGP के तहत नया उद्योग लगाने पर 35 फीसदी सब्सिडी देती है. उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड 13 फीसदी ब्याज तीन साल तक देता है. अधिकतम 25 लाख तक के प्रोजेक्ट पर आठ लाख 75 हजार रुपए सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं. इकाई को तीन साल तक सफलतापूर्वक चलाने के बाद दुबारा इकाई के विस्तार के लिए एक करोड़ रुपए का लोन फिर से लिया जा सकता है. इस पर भी 15 % सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है.
(इनपुट न्यूज़ एजेंसी IANS के साथ)
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