Bihar Politics: बिहार में सियासी भूचाल के साफ संकेत मिल रहे हैं. नीतीश कुमार की कुर्सी डगमगा सकती है. इस सियासी उलटफेर की सुगबुगाहट ललन सिंह के इस्तीफे के बाद से तेज हो गई है. अगर ललन सिंह और नीतीश के बीच अनबन की खबरें सही हैं तो ये मौका राजद जरूर भुनाना चाहेगी. चर्चा जोरों पर है कि लालू अब तेजस्वी को बिहार का सीएम बनाना चाहते हैं. राजद ऐसा कर भी सकती है. नीतीश की राजनीति का The End करने के लिए लालू और उनकी पार्टी को सिर्फ 7 विधायकों की जरूरत है. आइये समझते हैं बिहार की राजनीति का पूरा अंकगणित. 


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ललन सिंह-नीतीश में अनबन?


बिहार के सियासी गलियारों में कुछ समय से ललन सिंह और नीतीश के बीच अनबन की चर्चा चल रही है. अनबन का प्रमुख कारण ललन सिंह की राजद से बढ़ती नजदीकियां बतायी जा रही हैं. जेडीयू में हुए इस उलटफेर से आरजेडी खेमे में हलचल पैदा हो गयी है. इस सियासी उठापटक के बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी ने अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी है. मतलब बिहार में कुछ बड़ा होने जा रहा है, बीजेपी से केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसको लेकर बयान भी दिया है.


बिहार में शुरू हुई सुगबुगाहट


जेडीयू नेतृत्व में हुए बदलाव के बाद बिहार में शुरू हुई सुगबुगाहट को लेकर ये खबरें आ रही हैं कि आरजेडी कुछ ही समय बाद पार्टी की क्रूशियल बैठक बुलाने वाली है. बिहार में कुछ समय से ऐसी बातें सुनने को मिल रहीं थीं कि आरजेडी अब नीतीश को बिहार की सत्ता से हटाकर प्रदेश की बागडोर तेजस्वी को सौंप देना चाहती है. 


तेजेस्वी ने रद्द की विदेश यात्रा 


इसे लेकर तेजेस्वी ने 6 दिसंबर से विदेश यात्रा रद्द कर दी है. क्योंकि 23 दिसम्बर को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 6 से 18 जनवरी के बीच ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की यात्रा केलिए अनुमति दी थी. तेजस्वी ने अदालत में विदेश जाने की याचिका दी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. इस बीच ईडी ने तेजस्वी को नोटिस भेज दिया, जिसमे उन्हें 5 जनवरी को समन किया गया है. तेजस्वी ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं, इस पर अभी भी संदेह है. 


राजद तोड़ेगी जेडीयू के विधायक?


लेकिन नीतीश के पार्टी अध्यक्ष बनते ही चर्चायें तेज हो गयी हैं कि जेडीयू के 10-12 विधायकों को तोड़ने की तैयारी चल रही है ताकि तेजस्वी को बिहार का सीएम बनाया जा सके. अब जरा सत्ता परिवर्तन की चर्चाओं के पर गौर करें तो बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का होना जरूरी है. विधानसभा में दलगत स्थिति को देखने से साफ है की यहां सरकार बनाने के लिए 122 विधायक होना चाहिए और आरजेडी के पास 79 विधायक हैं. 


7 विधायक बिगाड़ सकते हैं नीतीश का खेल?


कांग्रेस के 19 विधायक और वाम दलों के 16 विधायक पहले से ही आरजेडी के खाते में हैं. इस तरह तेजस्वी के समर्थक विधायकों की संख्या 114 है. और ओवैसी के एक विधायक लालू के साथ चले जाएं तो यह संख्या 115 की होती है. यानी लालू को सरकार बनाने के लिए सिर्फ 7 विधायक और चाहिए. दूसरी तरफ जेडीयू के विधायकों की संख्या 45 है और बीजेपी के 78 विधायक हैं.


फिर एनडीए की शरण में जाएंगे नीतीश?


अब नीतीश इंडी अलायंस छोड़कर एनडीए में जाते हैं तो उनकी सरकार बन जाएगी. सवाल यह है की तेजस्वी को रोकने के लिए क्या एनडीए नीतीश को सीएम बनाए रखने को तैयार होगा? या लालू यादव रणनीति के तहत जेडीयू से 7 विधायक तोड़ने में कामयाब हो पायेंगे?