Amit Shah के यूपी दौरे के अहम सियासी संदेश, BJP ने तैयार किया `ब्लू प्रिंट`
विंध्याचल कॉरिडोर के शिलान्यास के जरिए जहां हिंदुत्व के एजेंडे पर बीजेपी की नजर है तो वहीं पूर्वी यूपी में जातीय समीकरण पर भी पूरा ध्यान है.
लखनऊ: केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) एक बार फिर मिशन यूपी पर निकल पड़े हैं. रविवार के उनके दौरे से ये तय हो गया है कि यूपी में बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. यूपी दौरे पर पहुंचे अमित शाह टीम बीजेपी पर फोकस करते हुए टीम भावना से काम करने का संदेश दे गए. एक दिन के यूपी दौरे पर ही अमित शाह बड़े सियासी संदेश दे गए.
यूपी पर अमित शाह की पूरी नजर
यूपी पर अमित शाह (Amit Shah) की पूरी नजर होगी, इसीलिए अमित शाह ने अपने भाषण में कई बार कहा कि मैंने 2013-19 तक यूपी में संगठन का काम किया है और यूपी के चप्पे चप्पे को जानता हूं. उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा, यूपी में कमल की सरकार बनने जा रही है. साथ ही यह भी संदेश दे गए कि कानून व्यवस्था, विकास, केन्द्र और यूपी सरकार की योजनाओं और तीर्थ स्थलों का नवनिर्माण प्रमुख मुद्दे रहने वाले हैं.
विपक्ष को परिवारवाद पर घेरेगी बीजेपी
परिवारवाद और जातिवाद के खिलाफ भाषणों में आक्रामक रुख दिखाते हुए शाह ने स्पष्ट कर दिया कि बीजेपी विपक्ष को परिवारवाद और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरेगी, इसीलिए कानून व्यवस्था पर अमित शाह ने अखिलेश यादव पर हमला बोला. अमित शाह यूपी के पहले दौरे में ही लखनऊ और मिर्जापुर गए, यानि पूर्वांचल पर बीजेपी की पूरी नजर है और रणनीति भी तैयार है. इसीलिए पीएम मोदी भी पूर्वांचल के वाराणसी गए और अमित शाह भी मिर्जापुर गए.
गठबंधन धर्म निभाने का संदेश
मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल अपना दल की सांसद हैं और केन्द्रीय मंत्री हैं. अमित शाह मिर्जापुर जाकर यह भी संदेश दे रहे हैं कि गठबंधन धर्म निभाने में बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. विंध्याचल कॉरिडोर के शिलान्यास के जरिए जहां हिंदुत्व के एजेंडे पर बीजेपी की नजर है तो वहीं पूर्वी यूपी में जातीय समीकरण पर भी पूरा ध्यान है क्योंकि अनुप्रिया पटेल ओबीसी समाज से आती हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में कार्यक्रम कर सियासी संदेश देने की कोशिश है.
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यूपी की सियासी रणनीति अमित शाह ही तय करेंगे
अमित शाह के आज लखनऊ के भाषण से इतना तय है कि यूपी की सियासी रणनीति अमित शाह ही तय करेंगे, क्योंकि उन्हें हर विधान सभा के समीकरण और आंकड़ों की पूरी जानकारी है. आने वाले चुनावों में राष्ट्रवाद एक सबसे बड़ा मुद्दा रहने वाला है. अमित शाह ने अपने भाषण के शुरूआत में कहा कि भारत माता की जय का नारा इतनी जोर से लगाना है ताकि जो सरकार बनाने के सपने देख रहे हैं उनके कान तक आवाज पहुंच जाए.
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