Pooja Khedkar News: आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर पर केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए थे. अब इस मामले में पहली बार उन्होंने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि मैं मीडिया से कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हूं. मैं समिति के सामने अपना सबमिशन दूंगी और प्रक्रिया का पालन करूंगी. असल में विशेषाधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिरीं परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को दोषी पाये जाने पर सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है. 


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यह बात उन्होंने महाराष्ट्र के वाशिम जिले में कही है जहां उन्होंने अभी पदभार संभाला है. जानकारी के मुताबिक कहा जा रहा है कि सिविल सेवा परीक्षा और फिर सेवा में चयन के लिए पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की जांच केंद्र द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति द्वारा फिर से की जाएगी. इतना ही नहीं यदि पूजा दोषी पायी जाती है तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है. 


सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है!


यह भी बात सामने आई है कि यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा किया है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है. साल 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस अधिकारी खेडकर परिवीक्षा पर हैं और वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं. 



पूजा खेडकर 34 पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की एकल सदस्यीय जांच समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. 


 तबादला पुणे से किया गया


इस बीच खेडकर ने गुरुवार को ही विदर्भ क्षेत्र में वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी नयी भूमिका संभाली. उनका तबादला पुणे से किया गया था, जहां उन्होंने लोगों पर कथित तौर पर धमकाने और और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगायी थी. पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाडरे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे "प्रशासनिक जटिलताओं" से बचने के लिए खेडकर को दूसरे जिले में तैनाती देने पर विचार करें, जिसके बाद विवादास्पद अधिकारी को वाशिम भेज दिया गया.