नई दिल्ली : चुनावी साल में मोदी सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश कर दिया है. कहने को तो ये सरकार का अंतरिम बजट है, लेकिन मोदी सरकार ने इसमें लोक लुभावन सौगातों की झड़ी लगाकर रख दी है. अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल ने संसद में ऐसे अंदाज में बजट पेश किया कि पूरा हॉल मोदी मोदी, मोदी के नारों से गूंज उठा. इस बजट में किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, कारोबारी हर तबके को भरपूर भरोसा दिलाया कि सरकार हर पहलू पर विचार कर रही है और उनकी जेब में कुछ ना कुछ डालने की कोशिश कर रही है.


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नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ा ऐलान
प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है. इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए तीन हजार रुपये मासिक पेंशन योजना की भी घोषणा की गई है. 



किसानों के लिए मेगा पेंशन योजना
अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि बीजेपी को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में नुकसान हुआ. यही वजह है कि अंतरिम बजट में किसानों व मध्यम वर्ग को राहत देने के साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है. इन तीन क्षेत्रों के लिए कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपये के बजट प्रावधान किए गए हैं जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है. 


छोटे व्यापारी, मध्यमवर्गीय करदाताओं का ध्यान
पीयूष गोयल ने वेतनभोगी, पेंशनर, छोटे व्यापारी और खुद का व्यवसाय करने वाले करीब तीन करोड़ मध्यमवर्गीय करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये की बड़ी राहत देते हुए उनकी पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन पांच लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय पर कर से पूरी छूट होगी. इस छूट से इस वर्ग के करदाताओं को शिक्षा और स्वास्थ्य उपकर सहित 13,000 रुपये की कर देनदारी के बदले अब कोई कर नहीं देना होगा.



होम लोन, एजुकेशन लोन में भी छूट
उन्होंने कहा ‘‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा गृह ऋण पर दो लाख रुपये तक के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों के लिये चिकित्सा- व्यय के तहत प्राप्त कर छूट से पांच लाख रुपये से भी अधिक सकल आय वाले व्यक्तियों को भी कर का कोई भुगतान नही करना होगा.’’ 


बुजुर्गो के लिए खास है ये इवेंट
बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है. 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपए तक की आय पहले से ही कर मुक्त है. 



गाय पालकों के लिए भी बड़ा ऐलान
मोदी  सरकार ने गाय पालन को बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाया. सरकार के बजट में गाय को भी जगह मिली है. गाय के  लिए 750 करोड़ के बजट का ऐलान किया गया है. सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान किया है.  इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है.


डिजिटल होंगे गांव
गांव को विकास के साथ जोड़ने पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना को विशेष महत्व दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाए जाने का लक्ष्य रखा है.


महिलाओं भी मिला कुछ खास
मोदी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में काम करना शुरू कर द‍िया है. सरकार ने स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा है. इसमें से 6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए मातृवंदना योजना लागू की गई.