Decline in Fertility Rate: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund) ने अपनी विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2023 (World Population Report-2023) में कहा है कि वैश्विक जनसांख्यिकी में तेजी से बदलाव हो रहा है और दो-तिहाई आबादी में प्रजनन दर में कमी (Decline in Fertility Rate) आने का अनुमान है, जबकि 2050 तक वैश्विक आबादी में अनुमानित वृद्धि में 50 प्रतिशत योगदान 8 देशों का होगा.


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दुनिया भर में चले परिवार नियोजन कार्यक्रम


रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 8 देश वैश्विक जनसंख्या में 2050 तक अनुमानित वृद्धि का आधा हिस्सा होंगे. इन देशों में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपीन और तंजानिया शामिल हैं. रिपोर्ट की मानें तो दो-तिहाई लोग ऐसे देशों में रह रहे हैं, जहां जनसंख्या वृद्धि की दर शून्य है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में कई देशों को स्वतंत्रता मिली. मानवाधिकारों का दावा करने के लिए कई आंदोलनों की शुरुआत हुई और दुनिया भर में परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाए गए और जनसंख्या वृद्धि की रोकथाम करने के लिए नीतियां बनाई गईं.


1952 का नियोजन कार्यक्रम 


रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सन 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरूआत की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे जन्म दर पर काबू पाने में सीमित सफलता मिली, लेकिन इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक और यहां तक कि जबरन नसबंदी के नजारे भी देखने को मिले. इसके बाद में 1990 के दशक की शुरुआत तक नेताओं ने लक्ष्य-आधारित परिवार नियोजन कार्यक्रम को महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों पर आधारित कार्यक्रम मे तब्दील कर दिया.


(इनपुट: एजेंसी)


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