नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान चुनाव आयोग को उम्मीद से बहुत अधिक संख्या में डाक मतपत्र मिलने से इनकी गिनती ईवीएम के मतों के साथ ही की जाएगी. 


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मतगणना की मौजूदा व्यवस्था के तहत ईवीएम के मतों की गिनती से पहले डाक मतपत्रों की गिनती होती है. आयोग ने 16 लाख से अधिक डाक मतपत्रों की गिनती में अधिक समय लगने की आशंका के मद्देनजर ईवीएम की मतगणना में देरी से बचने के लिये दोनों की मतगणना एक साथ कराने का फैसला किया है. 



उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में सात चरण का मतदान पूरा होने के बाद 23 मई को सुबह आठ बजे से मतगणना प्रारंभ हो जाएगी. 


आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था के तहत सैन्य बल, केन्द्रीय एवं राज्य पुलिस बल के जवान और विदेशों में तैनात राजनयिकों एवं कर्मचारियों के रूप में दर्ज 18 लाख ‘सर्विस वोटर’ द्वारा मतदान में प्रयुक्त डाक मतपत्रों की मतगणना में सबसे पहले गिनती की जाती है.


उन्होंने बताया कि इस चुनाव में 17 मई तक सर्विस वोटर के 16.49 लाख डाक मतपत्र आयोग को मिल चुके हैं. मतगणना से पहले इनकी संख्या में इजाफे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.


अधिकारी ने बताया कि इसके मद्देनजर उम्मीद से अधिक संख्या में मिले डाक मतपत्रों की गिनती पहले कराने से ईवीएम की मतगणना विलंबित होने की आशंका को देखते हुये आयोग ने दोनों की मतगणना एक साथ कराना उपयुक्त समझा है.