भोपाल: बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को 11 पंडितों के मंत्रोच्चार के साथ यहां भोपाल लोकसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया. इसी सीट पर उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है. नामांकन-पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए प्रज्ञा ने कहा, ‘‘हमारा विधिवत जो (नामांकन) फार्म है, वह मैं कल भरूंगी. आज मेरा मुहूर्त का (नामांकन) फार्म था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह संकल्प लिया था कि बिल्कुल आनंद और ठाकुर (भगवान रामचंद्र जी) के ध्यान में रह करके मैं अपना फार्म भरूं. आज हमारा मुहूर्त था, इसलिए वो मैंने पूर्ण किया.’’


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साध्वी प्रज्ञा के नामांकन भरवाने के लिए 11 ब्राह्मण आये थे और उन्होंने प्रज्ञा के नामांकन-पत्र भरने के दौरान मंत्रोच्चार किया. नामांकन भरवाने के लिए आये इन 11 पंड़ितों में से एक वरिष्ठ पंडित से जब सवाल किया गया कि प्रज्ञा वैसे तो 23 अप्रैल को नामांकन पत्र भरने वाली थीं तो आज यह क्यों किया, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘आज शुभ मुहूर्त ‘चौघडिया’ है.


साध्वी प्रज्ञा ने नामांकन-पत्र दाखिल करते वक्त मंत्रोच्चार किया गया. जो शुभ कार्य करते हैं तो उसमें स्वस्ति मंत्र बोले जाते हैं.’’ साध्वी प्रज्ञा सिंह के शपथ पत्र के अनुसार उनके पास पास 90 हजार कैश और और दो बैंक एकाउंट में करीब 99 हजार 800 रुपए हैं. वह किसी भी कंपनी में हिस्सेदार नहीं हैं. प्रज्ञा के पास कोई गाड़ी और जमीन भी नहीं है.


जेवर के नाम चांदी की दो कटोरी, एक थाली और चांदी जड़ी एक राम नाम की ईंट हैं. 15 हजार कीमत के चांदी के 4 गिलास, 17 सौ रुपए के पैरों के अंगूठे के दो रिंग के साथ ही 29 सौ रुपए की कीमत के चांदी के 3 रिंग भी शामिल है. इन सबकी कीमत लगभग चार लाख रुपये है. साध्वी प्रज्ञा ने भिक्षाटन और समाज की निर्भरता को अपने जीविकोपार्जन का साधन बताया है. 29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुये बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रहीं हैं.


इस बहुचर्चित मामले में वह इन दिनों जमानत पर चल रही हैं. जब साध्वी से सवाल किया गया कि क्या आपको नामांकन-पत्र भरने के लिए जाने में कलेक्ट्रेट में परेशानी हुई है, तो प्रज्ञा ने कहा, ‘‘मुझे यहां (जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय) जाने में परेशानी हुई है. वहां की सीढ़ियां कन्जेस्टेड (तंग) थीं. हमारे सहयोगी एवं लोग जो मुझे उठा सकते थे, वो वहां तक नहीं जा सके, क्योंकिं इन्होंने (सुरक्षाकर्मियों ने) वहां (जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय) जाने को मना कर दिया. सीढ़ियां कन्जेस्टेड थी, सीढ़ियां बहुत थीं.


इसलिए व्हीलचेयर ले जाने के लिए उन्होंने कुछ लड़कियों को वहां नियुक्त किया था. वो लड़कियां पूरी की पूरी तरह से पसीना-पसीना हो गईं. उनके चेहरे के कष्ट को देखकर मैं खुद कष्ट में थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसको देखकर मैंने वहां आफिसर से बोला है कि आप इसकी (नामांकन-पत्र दाखिल करने की) कल नीचे व्यवस्था कर लेंगे, तो यह अच्छा हो जाएगा. क्योंकि उनको भी कष्ट हुआ जो मुझे उठा कर ले जाने वाली लड़कियां थी और हमें भी कष्ट हुआ, उनको देख करके. मुझे थोड़ा सी दिक्कत हो गई थी.’’


जब प्रज्ञा से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सोमवार को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर राफेल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताने पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.