President Droupadi Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज संसद में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही हैं और और नई सरकार का रोडमैप पेश कर रही हैं.. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को और 18वीं लोकसभा चुनावों के बाद सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी.


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सांसदों को बधाई
राष्ट्रपति मुर्मू ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देती हूं. आप सभी देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर यहां आए हैं. देश और जनता की सेवा करने का यह अवसर बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे."



संसद में किस बात पर शोर
राष्ट्रपति ने कहा कि बीते चालीस सालों में कश्मीर में कम मतदान हो रहा था, इस बार कश्मीर घाटी में बहुत रिकॉर्ड मत हुआ है. पहली बार घर जाकर मतदान कराया गया है. इसके लिए हर चुनाव कर्मियों को बधाई. इसी बीच राष्ट्रपति ने जैसे ही कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है.


दुनिया देख रही है कि भारत में लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी है, पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा मेज थपथपाने लगे, और पूरे संसद में शोर होने लगा. जबकि ऐसा होता है कि संसद में जब राष्ट्रपति बोल रहा हो तो सारे लोग संसद में शांत होकर अभिभाषण सुन रहे होते हैं.


राष्ट्रपति ने क्या कहा ये ट्वीट पढ़ें:- 



जनता का भरोसा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि "देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा दिखाया है. लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है. 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है.


इस लोकसभा का गठन अमृत काल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें ​​वर्ष की भी गवाह बनेगी. आगामी सत्रों में यह सरकार इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य की दूरदर्शिता का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे.


आपातकाल का जिक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इमरजेंसी (आपातकाल) भारत के संविधान पर सबसे बड़ा हमला था. 1975 में देश में हाहाकार सा मच गया था और उस दौरान लोकतंत्र में दरार डालने की कोशिशें हुई थीं.  संसद के संयुक्त सत्र को गुरुवार (27 जून, 2024) को संबोधित करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने यह दावा भी किया कि आज का समय भारत के लिए अनुकूल है और संविधान हमारे लिए जनचेतना का हिस्सा है.