President Election 2022: देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. बुधवार को शुरू हुई प्रक्रिया के पहले दिन 11 लोगों ने नामांकन दाखिल किया. चुनाव आयोग ने नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 29 जून तक रखी है. राष्ट्रपति चुनाव के शोर के बीच विपक्ष ने बुधवार को बैठक की, जिसमें उम्मीदवार के नाम पर मंथन हुआ. उधर, सत्तारुढ़ बीजेपी की ओर से राजनाथ सिंह उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत कर रहे हैं. 


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राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से भी बात की है. रक्षा मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की. रिपोर्ट्स के मुताबिक राजनाथ सिंह एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और अन्य राजनीतिक दलों के नेता से भी बात करेंगे. 


फारूक अब्दुल्ला का नाम आया सामने


दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बुधवार को शरद पवार की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. मीटिंग में विपक्षी दलों की तरफ से शरद पवार का नाम आगे बढ़ाने पर सहमति दी गई. हालांकि, शरद पवार साफ कर चुके हैं कि वो उम्मीदवार नहीं होंगे. पवार के इनकार करने के बाद विपक्ष को नए नाम की तलाश है. 


विपक्ष की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर शरद पवार खुद अपने नाम की हामी भर देंगे तो अच्छा रहेगा. वरना संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जाएगा.


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जानकारी के मुताबिक, बैठक में फारूक अब्दुल्ला के नाम पर भी चर्चा हुई. हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने उनके नाम का विरोध किया. उमर ने कहा कि इसमें उनके नाम की चर्चा नहीं करनी चाहिए. जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ममता ने बैठक में दो नाम सुझाए. इनमें पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी और दूसरा नाम फारूक अब्दुल्ला का है.लेकिन इन नामों पर कोई चर्चा नहीं हुई. पता चला है कि प्रत्याशी को अंतिम रूप देने के लिए विपक्षी नेता 21 जून को फिर बैठक करेंगे. 


संयुक्त उम्मीदवार उतारेगा विपक्ष


विपक्ष की बैठक में ये तय हुआ है कि वह चुनाव संयुक्त उम्मीदवार उतारेगा. विपक्ष सत्तारूढ़ बीजेपी के उम्मीदवार के समक्ष अपना एक मजबूत उम्मीदवार उतारने पर सहमत हुआ है. विपक्ष की ओर से बैठक के बाद एक बयान में कहा गया, आगामी राष्ट्रपति चुनाव में जो भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर हो रहा है, हमने एक ऐसे आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सके और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सके.


बता दें कि चुनाव आयोग 18 जुलाई को होने वाले 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर चुका है. अधिसूचना के अनुसार, नामांकन 29 जून तक दाखिल किए जा सकते हैं और 30 जून को दस्तावेजों की जांच की जाएगी. चुनावी मैदान से नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई है.  चुनाव 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. 


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NDA की ओर से कौन हो सकता है उम्मीदवार 


विपक्षी दल के साथ बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भी अपने उम्मीदवारों के बारे में चुप्पी साधी हुई है. हालांकि बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति कोविंद को एक और कार्यकाल के लिए फिर से नामित करने की संभावना नहीं है, लेकिन कई अन्य उम्मीदवारों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. 


कुछ प्रमुख हस्तियां हैं जिनके चुनाव लड़ने और देश के अगले राष्ट्रपति बनने के लिए चुने जाने की सबसे अधिक संभावना है. 


- आरिफ मोहम्मद खान
- द्रौपदी मुर्मू
- अनुसुइया उइके
- तमिलसाई सुंदरराजन 
-सुमित्रा महाजन
- मुख्तार अब्बास नकवी



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