Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य की पिछली (SP) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह औरंगजेब (Aurangzeb) की याद में आगरा में एक संग्रहालय का निर्माण कर रही थी, जबकि उनकी सरकार उसी जिले में छत्रपति महाराज शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की यादों को संरक्षित करने के लिए एक संग्रहालय का निर्माण कर रही है. एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,' पिछली सरकार के कार्यकाल में आगरा में औरंगजेब की याद में मुगल संग्रहालय बनाया जा रहा था. लेकिन हमारी सरकार उसी जनपद में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर भव्य संग्रहालय बनाकर उनकी स्मृतियों को सहेज रही है.'


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हमारा संबंध मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता: योगी


सीएम योगी ने यह भी कहा, ‘हमारा संबंध मुगल आक्रांताओं से नहीं हो सकता है. यही वजह है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणा से भारत सरकार ने भारतीय नौसेना का चिन्ह वही बनाया है जो छत्रपति शिवाजी महाराज का था.’ आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को आयोजित हिंदी स्वराज स्थापना के 350वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व व्याख्यान माला में सम्मिलित हुए.


'जो जिस भाषा में समझे उसको उसी भाषा में जवाब दिया जाए'


इस दौरान उन्होंने कहा , ‘याद रखिए, छत्रपति शिवाजी महाराज के पीछे भी दो दिव्य दृष्टि थी. पहली माता जीजाबाई की और दूसरे समर्थ गुरु रामदास की थी. योग्य गुरु मिला तो शिवाजी महाराज मुगलों के छक्के छुड़ाते रहे. उन्होंने विदेशी हुकूमत की चूलें हिलाने का काम किया. छत्रपति शिवाजी महाराज ने यह संदेश दिया था कि जो जिस भाषा में समझे उसको उसी भाषा में जवाब दिया जाए.’


उन्होंने कहा , ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का उत्तर प्रदेश से संबंध दो दृष्टि में बहुत मायने रखता है. पहला उनके राज्याभिषेक के लिए गए पुरोहित गंगा भट्ट थे, जो काशी से थे. दूसरा छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य को लेकर कानपुर में जन्म लेने महाकवि भूषण द्वारा रचे गए पद्य हैं.’


उन्होंने कहा कि आज के भारत का मानचित्र राजनीतिक भारत का मानचित्र है, लेकिन हजारों वर्ष पहले दुनिया के अंदर एक वृहत्तर सांस्कृतिक भारत था, जिसे शास्त्रों ने मान्यता दी थी, वह आज भी हम सबका ध्यान आकर्षित करता है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसी व्यक्ति का दृष्टिकोण राजनीतिक हो जाता हो तो वह अपनी संस्कृति को समझने में अक्सर भूल कर जाता है.


(इनपुट: एजेंसी भाषा)