मनाली: पीएम नरेंद्र ने मनाली में अटल टनल का उदघाटन करने के बाद कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. आज अटल जी के सपने के साथ हिमाचल वासियों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है. 


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उन्होंने कहा कि जब वे हिमाचल आते थे तो धूमल जी के साथ चाय पीते थे. उस दौरान अटल जी ने इस टनल का संकल्प लिया था. आज उनका संकल्प पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि अक्सर लोकार्पण की चकाचौंध में वो लोग पीछे रह जाते हैं, जिनके परिश्रम से ये काम पूरा हुआ है. इस महायज्ञ में अपना पसीना बहाने वाले सभी मजदूरों  इंजीनीयरों को वे आदरपूर्वक नमन करते हैं. 


उन्होंने कहा कि इस टनल से लेह लद्दाख के किसानों को बागवानी के लिए देश के बाजारों तक उनकी पहुंच आसान कर देगी. इससे उनका जोखिम भी कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अटल टनल भारत के बॉर्डर के आधारभूत ढांचे को नई ताकत देने वाली है.


उन्होंने कहा कि बॉर्डर से जुड़े प्रोजेक्ट बहुत समय तक भटक गए, लटक गए. अटल टनल के साथ भी कुछ ऐसा हुआ. अटल जी की सरकार जाने के बाद इस संकल्प को भुला दिया गया. 


पीएम ने कहा कि यदि इस सुरंग पर पुरानी रफ़्तार से काम चलता तो ये सुरंग 2040  में पूरी होती. ये एक्सपर्ट बताते हैं. लेकिन देश के विकास में इस टनल की महत्ता को देखते हुए इसके विकास की रफ्तार को बढ़ाया गया. देश के विकास के लिए विकास की रफ़्तार को बढ़ाना ही पड़ता है. 


प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल टनल को बनाने के लिए प्रतिवर्ष1400  मीटर के हिसाब से खुदाई की गई. उन्होंने कहा कि 2008 में ये आकलन किया गया कि ये सुरंग 980 करोड़ रुपये में तैयार हो जाएगी. लेकिन देरी की वजह से ये 3200 करोड़ से ज्यादा की लागत में तैयार हुई है. 


उन्होंने कहा कि अटल टनल की तरह बाकी राष्ट्रीय प्रोजेक्टों के साथ भी ऐसा ही किया गया. इनमें दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली सड़क और हवाई पट्टी भी शामिल थी. यह हवाई पट्टी वायु सेना की इच्छा शक्ति से पूरी हुई. उन्होंने
कहा कि सेना की जरूरतों को पूरा करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. 


पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू किया. देश हित और देश की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. देश की रक्षा जरूरतों के साथ समझौता किया गया. आधुनिक लड़ाकू विमान की जरूरतों पर राजनीति की गई. वर्षों तक सत्ता में बैठे लोगों के स्वार्थ ने हमें मजबूत होने से रोका है. 


उन्होंने कहा कि जिस तेजस पर हम सबको गर्व है. उसे इन लोगों ने डिब्बे में बंद कर दिया था. उन्होंने कहा कि हमने सीडीएस की तैनाती की और डिफेंस में मेक इंडिया पर जोर दिया. 


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, Make In India हथियार बनें. इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं. लंबे इंतज़ार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है. देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार Procurement और Production दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है.


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली पहुंचे. जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. इस मौके पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल भी मौजूद रहे. पीएम मोदी को बीआरओ चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने सुरंग निर्माण में आई दिक्कतों और खासियतों की जानकारी दी. 


अटल टनल से लेह-मनाली के बीच की दूरी 46 किमी कम हो गई है. साथ ही चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत की रणनीतिक ताकत भी बढ़ी है. लद्धाख में चीन लगातार घुसपैठ की फिराक में है. लेकिन अब उसके लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा. 


आज शुरु हुई अटल टनल भारत के लिए चीन पर एक मास्टर स्ट्रोक साबित होगा. अटल टनल की लंबाई 9 किलोमीटर है. टनल के उदघाटन के बाद पीएम मोदी कोरोना काल में पहली सार्वजनिक सभा करेंगे. पीएम मोदी सोलांग वैली में जनसभा करेंगे.


अटल टनल का 'नंबर गेम'
- 10 साल में बनी अटल टनल 
- 10,000 फीट की ऊंचाई पर 
- 9 किमी लंबाई 
- 3000 कार/दिन गुजर सकती है


अटल टनल की खासियत 
- सभी मौसम के लिए उपयुक्त
- आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार
- सुरंग के नीचे एग्जिट गेट
- बर्फ-हिमस्खलन से बेअसर
- 150 मीटर पर फोन
- ऑटोमेटिक CCTV सिस्टम
- हवा की गुणवत्ता मापने का यंत्र
- आग से निपटने में सक्षम


अटल टनल से ये होंगे फायदे 
- पाकिस्तान-चीन बॉर्डर पर रणनीतिक ताकत बढ़ेगी
- सीमावर्ती इलाकों तक जल्द पहुंचना संभव हुआ
- सर्दियों में सेना के लिए रसद पहुंचाना आसान हुआ
- पूरे साल सीमावर्ती इलाकों पर चौकसी और बढ़ेगी
- सर्दियों में सीमा पर सेना की ताकत और बढ़ेगी
- सर्दियों में रोहतांग दर्रे से गुजरने की मुश्किलें खत्म
- सामान पहुंचाने के लिए जोजिला पास पर निर्भरता खत्म
- विकट हालात में खासतौर से चीन से निपटना आसान हुआ


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